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साहित्य-भवन—ग्रंथमाला—१
कविता–कौमुदी
(पहला भाग—हिन्दी)
लेखक
रामनरेश त्रिपाठी
जयन्ति ते सुकृतिनो रससिद्धाः कवीश्वराः।
नास्ति येषां यशः काये जरामरणअं भयम्॥
प्रकाशक
साहित्य-भवन, प्रयाग।
परिवर्तित और परिवर्द्धित | होली, सं॰ १६७५ | मूल्य २) |
द्वितीय संस्करण १५०० |