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राजधर्म
तुमसे यह भिक्षा लेने आया हूं कि तुम बुद्ध के शिष्य बनो।
राजकुमार बुद्ध के चरणों में नतजानु हुए।
बुद्ध ने कहा:
कहो—बुद्धं शरणं गच्छामि।
- संघं शरणं गच्छामि।
- सत्यं शरणं गच्छामि।
राजा ने दोहराया और दिगन्तव्यापी जयघोष उठा।
जय, महाराजकुमार की जय!
महाबुद्ध की जय!