पृष्ठ:काजर की कोठरी.djvu/८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
8
काजर की कोठरी
 

होने वाली है । जिमीदार के दरवाजे परवाजे बज रहे हैं और महफिल का सामान हो रहा है। जिमीदार का मवान बहुत वहा और पक्का है, जनाना खण्ड अलग और मर्दाना मकान, जिसमे सुन्दर-सुदर कई कमरे और कोट- डिया है, अलग है। मर्दाने मकान के आगे मैदान है जिसम शामियाना खडा है और महफिल का सामान दुरस्त हो रहा है। मकान के दाहिनी तरफ एक लम्बी लाइन सपहल की है, जिसमे कई दालान और कोठडियो हैं। एक दालान और सीन कोठडियो मे भण्डार (साने की चीजो का सामान) है और एक दालान तथा तीन कोठडियो मे इन रडियो का हेरा पडा हुआ है जो इस महफिल म नाचने के लिए आई है और नाचने का समय निकट आ जाने के कारण अपने को हर तरह से सजधज के दुरुस्त कर रही है। इसमे पाई सदेह नहीं कि ये रडिया बहुत ही हसीन और खूबसूरत हैं और जिस समय अपा शृगार करवे धीरे धीर चलकर महफिल मे आ खडी हागी उरा समय नम्बर के साथ जघखुली आखो से जिधर देखेंगी उपर ही चौपट करेंगी, पर फिर भी यह सब-कुछ चाहे जो हो मगर इनका जादू उही लोगा पर चलेगा जो दिल के कचे और भोते-भाले है। जो लोग दिल के मजबूत और इनकी करतूता तथा नक्लो मुहब्बत को जानन वाले और बनावटी नखरा का हाल अच्छी तरह जानते है, उन बुद्धिमानो के दिल पर इनका असरहान वाला नहीं ह क्योकि ऐसे आदमी जितनी ज्याद खूब रत रण्डी को देखेंगे उसे उतनी ही बडी चुडल समक्ष ने हर तरह से बच रहने का भी उद्योग करेंगे।

रात लगभग पहर भर वे जा चुकी है। महफिल बरातिया और तमा- शवीनो से खचाखच भरी हुई है। जिमींदार का लडका हरन दनसिंह जिसकी शादी होने वाली है, कारचोबी काम की मखमली गद्दी पे ऊपर गावतक्रीि के सहारे बैठा हुआ है। उसके दोनो बगल जिमीदार लाग जो योते मे आये हैं पत्तीदार पगडीजमाये बठे उस रण्डी से आखें मिलान का उद्योग कर रहे हैं जो महफिल म नाच रही है और जिसका ध्यान बनिस्बत गान के भाव बताने पर ज्यादे है।

इस समय महफिल मे यद्यपि भीड भाड बहुत है मगर जिमीदार साहब का पता नहीं है जिनके लडके की शादी होन वाली है । दो घण्टे तक तो