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कामना
 

छठा दृश्य

स्थान-नवीन नगर की एक गली

(नागरिकों का प्रवेश)

१ नागरिक-सब ठीक है! कामना ने यदि उन विचार-प्रार्थियों के कहने से कुछ भी इस नगर पर अत्याचार किया, तो हम लोग उसका प्रतिकार करेंगे!

२ नागरिक-वह क्या?

१-विलास को यहाँ का राजा बनावेंगे और कामना को बन्दी।

२-यहाँ तक?

१-बिना राजा के हम लोगो का काम नहीं चलेगा। यह तुच्छ स्त्री-कोमल हृदय की पुतली शासन का भेद क्या जानेगी।

२-क्या और लोग भी इसके लिए प्रस्तुत हैं?

१-सब ठीक है, अवसर की प्रत्याशा है। चलो, आज दम्भदेव के यहाँ उत्सव है। तुम चलोगे कि नहीं?

२-हाँ-हॉ, चलूँगा।

(दोनों जाते हैं)

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