पृष्ठ:कामना.djvu/१५१

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अखिल-भारतवर्षीय हिन्दी-साहित्य-सम्मेलन की मुख पत्रिका 'सम्मेलन-पत्रिका' लिखती है—सुन्दर हृदय-प्राही और उत्कृष्ट हिन्दी-भाषा तथा देवनागरी लिपि में सुन्दर लेखन (हैंडराइटिग) के लिए जो शिवपूजन सहाय हिन्दी-संसार में प्रसिद्ध हैं, उन्हीं का लिखा हुआ यह ठेठ दिहाती घटनाओं से पूर्ण एक सामाजिक मौलिक उपन्यास है। इसकी वर्णनशैली रोचक और सजीव एवं कथानक स्वाभाविक चित्ताकर्षक है। सुन्दर और उत्कृष्ट भाषा लिखने में सिद्धहस्त बाबू शिवपूजन सहाय ने देहातियों के लिए उपयुक्त ठेठ हिन्दी मे इस उपन्यास को लिखकर अपनी लेखन-कला-कुशलता का अच्छा परिचय दिया है। मध्यप्रदेश का प्रबल साप्ताहिक 'कर्मवीर' लिखता है—शहराती मनचले अपने अधूरे आदर्शवाद और शाब्दिक ज्ञान के सहारे चाहे पुस्तक का मूल्य नहीं समझें, किन्तु उन ग्रामीणों के लिए—जिनकी जीवन-घटनाओं का अनुभव कर यह पुस्तक लेखक ने लिखी है—मनोरंजन और उपदेश का अच्छा साधन है।

सुन्दर चमकीली जिल्द पर सोने के अक्षरों में नाम, आयल पेपर का आवरण, रेशमी बुकमार्क। मूल्य १॥ )

८—प्रेम-पथ

लेखक—पंडित भगवतीप्रसाद वाजपेयी

कानपुर का प्रतापी 'प्रताप' अपनी लम्बी समालोचना में लिखता है—पुस्तक एक मौलिक सामाजिक उपन्यास

कहानी, लेखक की शैली, भाषा, चरित्र-चित्रण तथा भाव इतना सुन्दर, प्रिय, साहित्यिक और मनोहर है कि पाठक मानों भा थके उद्यान में विचर रहे है। भाषा की दृष्टि से एक बार इन