पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/१२

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विषय-सूची . २६० बसवां अध्याय ।-काम का दिन २६० अनुभाग १-काम के दिन की सीमाएं अनुभाग २-अतिरिक्त श्रम का मोह । कारखानेदार और सामन्त २६५ मनुभाग ३-अंग्रेजी उद्योग की वे शाखाएं, जिन में शोषण की कोई कानूनी सीमा नहीं है .. २७४ अनुभाग ४-दिन का काम और रात का काम। पालियों की प्रणाली २९० अनुभाग ५-काम का सामान्य दिन प्राप्त करने का संघर्ष । काम के दिन का विस्तार करने के विषय में १४ वीं सदी के मध्य से १७ वीं सदी के अन्त तक बनाये गये अनिवार्य कानून . २९६ अनुभाग ६ - काम का सामान्य दिन प्राप्त करने का संघर्ष । काम के समय का कानून द्वारा अनिवार्य रूप से सीमित कर दिया जाना। इंगलैण्ड के फैक्टरी- कानून-१८३३ से १९६४ तक. • • • • • • • • • ३१५ अनुभाग ५ - काम के सामान्य दिन के लिये संघर्ष । अंग्रेज़ी फैक्टरी-कानूनों की दूसरे देशों में प्रतिक्रिया ३३८ ग्यारहवां अध्याय। अतिरिक्त मूल्य की दर और अतिरिक्त मूल्य की राशि ३४५ भाग ४ सापेक्ष अतिरिक्त मूल्य का उत्पादन बारहवां अध्याय। सापेक्ष अतिरिक्त मूल्य की धारणा तेरहवां अध्याय। - सहकारिता चौदहवां अध्याय।-श्रम का विभाजन और हस्तनिर्माण ३८१ अनुभाग १-हस्तनिर्माण की दोहरी उत्पत्ति ३८१ अनुभाग २-तफ़सीली काम करने वाला मजदूर और उसके प्रौजार मनुभाग ३-हस्तनिर्माण के दो बुनियादी रूप :विविध हस्तनिर्माण और क्रमिक हस्तनिर्माण ३८७ अनुभाग ४-हस्तनिर्माण में श्रम-विभाजन और समाज में श्रम-विभाजन ३९७ अनुभाग ५-हस्तनिर्माण का पूंजीवादी स्वरूप ४०६ पन्द्रहवां अध्याय। - मशीनें और माधुनिक उद्योग ४२१ अनुभाग १-मशीनों का विकास ४२१ अनुभाग २- मशीनों द्वारा पैदावार में स्थानांतरित कर दिया गया मूल्य ४३७ अनुभाग ३-मजदूर पर मशीनों का प्राथमिक प्रभाव क) पूंजी द्वारा अनुपूरक श्रम-शक्ति पर अधिकार।-स्त्रियों और बच्चों का काम पर लगाया जाना ..... ब) काम के दिन का लम्बा कर दिया जाना ४५६ ) श्रम का और अधिक तीव्र कर दिया जाना ४६२