पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/१३१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१२८ पूंजीवादी उत्पादन देखकर हम यह नहीं बता सकते कि उसका किस बास माल से विनिमय हमा है। अपने मुद्रा- म में सब माल एक से विलाई देते हैं। इसलिए. मुद्रा पूरा हो सकती है, हालांकि एमा मुद्रा नहीं होता। हम यह मानकर चलेंगे कि सोने के जिन दो टुकड़ों के एवज में हमारे बुनकर ने अपना कपड़ा त्याग दिया है, ये एक चार्टर गेहूं का पान्तरितम है। कपड़े की विकी, मा-मु, साथ ही उसकी खरीब, मु-मा, मी होती है। लेकिन विकी उस प्रपिया का पहला कर्म है, जो एक विरोपी डंग के कर्म से, अर्थात् एक बाइबल की खरीद से, समाप्त होती है। दूसरी ओर, कपड़े की गरीब उस प्रक्यिा को समाप्त करती है, वो एक विरोधी दंग के कर्म से, पर्वात् गेहूं की बिकी से, प्रारम्भ हुई थी। मा-म (कपड़ा-मुद्रा), मो मा- मु-मा (कपड़ा-मुद्रा-बाइबल) की पहली अवस्था है, मु-मा (मुद्रा-कपड़ा) भी है, को एक दूसरी प्रकिया की, यानी मा-म-मा (गेहूं-मुद्रा -कपड़ा) की अन्तिम अवस्था है। मतएव, किसी माल का पहला मान्तरण, यानी किती माल का मुद्रा में परिवर्तन, अनिवार्य म से सदा किसी अन्य माल का दूसरा स्पान्तरण, अर्थात् उसका मुद्रा से माल में परिवर्तन, भी होता है। . . . मु-मा, अपना खरीद। माल का दूसरा और अन्तिम मान्तरण मुद्रा चूंकि अन्य सब मालों की स्पान्तरित शकल है और उनके सामान्य हस्तांतरण का फल होती है, इसलिए उसे बिना किसी बाधा या नियंत्रण के हस्तांतरित किया जा सकता है। मुद्रा सब बामों को पीछे की ओर से पढ़ती है और इस तरह मानों अन्य सब मालों में अपने को प्रतिविम्बित करती है, और वे उसे खुब अपने उपयोग मूल्य को व्यवहार में लाने के लिए उपयुक्त सामग्री प्रदान करते हैं। इसके साब-साप दाम, यानी चिन्हें मुद्रा से प्रेम-निवेदन करने वाले मालों के नयन कहा जा सकता है, मुद्रा की मात्रा को प्रोर संकेत करके उसकी परिवर्तनीयता की सीमानों को निश्चित करते हैं। चूंकि प्रत्येक माल मुद्रा बन जाने पर माल के रूप में गायब हो जाता है, इसलिए पुब मा को देखकर यह बताना असम्भव है कि यह अपने मालिक के हाव में कैसे पहुंची है या किस वस्तु को मुद्रा में बदला गया है। उसका मूल कुछ भी हो, मुद्रा में से कभी नहीं पाती (non olet)। बह एक तरफ एक बिके हुए माल का, तो दूसरी तरफ एकसारी बाने वाले मान का भी प्रतिनिधित्व करती है।' . . जैसा कि पहले कहा जा चुका है, सोने या चांदी का वास्तविक उत्पादक इसका अपवाद होता है। वह अपनी पैदावार को पहले बेचता नहीं, बल्कि बिना बेचे ही उसका किसी अन्य माल से सीधा विनिमय कर लेता है। 3 "Si l'argent représente, dans nos mains, les choses que nous pouvons désirer d'acheter, il y représente aussi les choses que nous avons vendues pour cet argent" ["यदि हमारे हाथ में मुद्रा उन वस्तुओं का प्रतिनिधित्व करती है, जिनको हम खरीदना चाहते है, तो साथ ही वह उन वस्तुओं का भी प्रतिनिधित्व करती है, जिनको हमने इस मुद्रा को प्राप्त करने के लिए बेच गला है"] (Mercler de la Rivlere, उप. पु०, पृ. ५८६)। .