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पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/७९०

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पूंजीवादी संचय का सामान्य नियम ७८७ तालिका (घ) मायकर (पांग स्टलिंग) १८६२ १८६३ १८६४ १९६५ १,३३,९८,९३८ १,३४,९४,०९१ १,३४,७०,७०० १,३८,०१,६१६ २९,३७,८९९ २९,३८,८२३ २९,३०,८७४ २९,४६,०७२ ४८,५८,८०० ४८,४६,४९७ ४८,५०,१६९ २,३५,९७,५७४ २,३६,५८,६३१ २,३२,३६,२९८ २,३९,३०,३४० . . भोलापन इस बात को अनदेखा कर देता है कि प्लेग की महामारी और उसमें मावादी के नष्ट होने के बाद इंगलिश चैनेल के इस तरफ, इंगलैण्ड में, बकर खेतिहर मावाबी को मुक्तिदान प्राप्त हुमा था और उसका धन बढ़ा था, पर चैनेल के उस पोर, फ्रांस में, खेतिहर मावादी पहले से ज्यादा भयानक गुलामी और गरीबी में फंस गयी थी।' मायरलेस के १८४६ के प्राकाल में १०,००,००० से अधिक लोग मारे गये, लेकिन सिर्फ गरीब लोग ही इस प्रकाल के शिकार हुए। देश के धन में उससे खरा भी कमी नहीं पायी। अगले बीस वर्षों के बहिर्गमन से, जिसकी रफ्तार अब भी बराबर बढ़ती ही जा रही है, तीस वर्ष के युद्ध की भांति मनुष्यों के साथ-साथ उनके उत्पादन के साधनों में कमी नहीं पायी। पापरलेशवासियों की वृद्धि ने गरीब लोगों को अपने दुली देश से उठाकर हजारों मील दूर ले जाने का एक बिल्कुल नया तरीका खोज निकाला। प्रापरलंग के जो लोग अमरीका में जाकर बस गये हैं, वे हर साल उन लोगों के सफ़र-सर्च के लिये रुपये भेजते हैं, जो प्रापरलय में छूट गये हैं। हर साल हो गत्वा विदेश जाता है, वह अगले साल एक नये नये को वहाँ जाँचकर बुला 1 uTenth Report of the Commissioners of Ireland Revenue" ('fractus माय के कमिश्नरों की दसवीं रिपोर्ट'), London, 1866 । 'मायरलैण्ड को "जन-संख्या के सिद्धान्त" की दृष्टि से एक पादर्श देश समझा जाता है। चुनांचे, ५० सैडलर ने प्रावादी से सम्बंधित अपनी रचना प्रकाशित करने के पहले "Ireland, its Evils and their Remedies" ['मायरलैण्ड, उसकी बुराइयां और उनका इलाज'] (दूसरा संस्करण, London, 1829) नामक पुस्तक प्रकाशित की थी। इसमें अलग-अलग प्रान्तों की और हर प्रान्त की अलग-अलग काउण्टियों की तुलना करके सैडलर ने यह साबित किया है कि भायरलैण्ड में गरीबी मावादी के अनुपात में नहीं बढ़ती, जैसा कि माल्यूस का कहना है, बल्कि वह उसके प्रतिलोम अनुपात में घटती-बढ़ती है। . 50"