पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/४७५

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विपय-निर्देशिका -और उमादन माधनों का कार्यशीलता कान-११६.११७ -मोर पूंजी के प्रावतं का वेग-२०६, - - और बाजार-१४२ - उत्पादन की अराजकता और उत्पादक शक्तियों की वरवादी-१६०, २८१, ४१० -के अंतर्विरोध-२८२ -संकट और उत्पादन प्रक्रिया की असा- मान्य अवस्थाएं-२८३-२८४ - के अनुत्पादक व्यय (faux frais)- १२५, १२६, १३१, १३६, ३०७ -और उधार ३०७ - और मजदूर वर्ग की अवस्था- ३६०-३६१ - और विदेश व्यापार-४११ - में संतुलन का आकस्मिक स्वरूप - ४३३ -विश्लेपण की पद्धति - ४४४-४४५ उत्पादन साधन: - का उत्पादन सामाजिक श्रम के विभा- जन के फलस्वरूप अन्य मालों के उत्पादन से अलग है-४२-४३ -श्रम शक्ति को उत्पादन साधनों से संयुक्त करने का तरीक़ा समाज का अार्थिक ढांचा निर्धारित करता है-४३ -श्रम उपकरणों के मूल्य का उत्पाद को अंतरण-५६, १४७-१४८ - श्रम प्रक्रिया के अंतर्गत तत्वों के रूप में उत्पादन साधन और ८१, १५२ उपकरण और स्थायी पूंजी- १४६-१५० -श्रम उपकरणों की स्थिरता और टिकाऊ- पन की मात्रा १५० -पूंजीवादी अर्थशास्त्रियों द्वारा अपने दैहिक रूप में श्रम उपकरणों के गुणों का पूंजी के गुणों से उलझाव - १५०, - पि में उत्पादन काल और कार्य काल का भेद-२१६-२१७, २१८-२१६ -पौर वनोपजनन-२१६-२२० उत्पादन को पूंजीवादी प्रणालीः -नयोत्पादित माल का मूल्य उसके उत्पादन तत्वों से अधिक होता है-२५, ३३, ११२ - की एक बुनियादी शतं के नाते श्रम शक्ति का प्रत्य-विक्रय-२५, ३६-३७, ४२-४३, ७६, ८१, १११-११२, ३०५, ३१२, ३३६ -और श्रम शक्ति का उत्पादन साधनों से अलगाव-३६ - पूंजीवादी उत्पादन तथा माल उत्पादन- ४२-४३, १०६, १११, ४३३, ४३७ - उत्पादन के उपादानों के रूप में मजदूर और उत्पादन साधन -४१-४२ -और समाज आर्थिक ढांचे का काया- पलट-४३, ५८ - की अनिवार्य प्रेरणा-५६, ६६, ७६, ६५, ११५, १४४, ३११, ३३६, ३६०, ४३६-४४० - उत्पादन की पूंजीवादी प्रक्रिया पर अनगढ़ राजनीतिक अर्थशास्त्र का मत- -पूंजीवादी उत्पादन द्वारा निर्मित मालों की माना उत्पादन के पैमाने पर निर्भर करती है-७६ - और प्रविधि (तकनीक)-४३, ५८, ७८, १०४, १५६-१५७ - और पूंजीवादी उत्पादन की निरंतरता- ९६-१००, १०२, २५१ - और खेतिहर मजदूर का उजरती मजदूर के रूप में विकास-१११-११२ -उत्पादन पद्धति और विनिमय की पद्धति-११२ - श्रम शक्ति- -स्थानतः स्थायी श्रम उपकरण १५१, १६१-१६२ -श्रम उपकरणों में क्रांतियां-१५८, १७० -द्रव्य के अतिरिक्त व्यय के विना श्रम