पृष्ठ:कालिदास.djvu/५४

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कालिदास ] हुए। पहिली शामा फे शंकों का विनाश किसने माधन किया ? पश शिना किमी के निकाले ही ये इस देश से चले गये? अपना राज्य-अपना अधिकार- कोई योही छोड़ देता है? उनका पता पीछे के ऐतिहासिक लेखों से चलता पयों नहीं? इसका क्या इसके सिवा और कोई उत्तर हो सकता है कि ईसा के ५७ वर्ष पहिले विक्रमादित्य ही ने उन्हें नष्ट-विनष्ट करके इस देश से निकाल दिया ? इसी विजय के कारण उसको शकारि उपाधि मिली और संवत् भी इसी घटना की याद में उसने चलाया। मुलतान के पास कारवाला युद्ध इन्ही ततशिला और मयुरा के शकों और विक्रमादित्य के मध्य हुआ था | इसके सिवा इसका अब और क्या प्रमाण चाहिए ? इस पर भी शायद कोई यह कहे कि यह सब सही है। पर कोई पुराना शिलालेख लाओ, कोई पुराना सिक्का लायो, कोई पुराना ताम्रपत्र लानी, जिसमें विक्रम संवत् का उल्लेख हो; तय हम आपकी बात मानेगे, अन्यथा नहीं । 'खुशी की बात है कि इस तरह का एक प्राचीन लेख भी मिला है। यह पेशावर के पास तस्तेवाही नामक सान में प्राप्त हुआ है। इसलिए उसोके नाम से यह प्रसिद्ध है। यह . उत्कीर्ण लेख पार्थियन राजा गुड्फर्स के समय का है। यह राजा भारत के उत्तर पश्चिमाञ्चल का स्वामी था । इस लेख