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पृष्ठ:काव्य-निर्णय.djvu/३३

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उदाहरण, दुष्कम दोष लक्षण उदाहरणा (६५४), ग्राम्यार्थ दोष लक्षण-उदाहरणा, मंदिग्धार्थ दोष लक्षण-उदाहरणा, निर्हेतु दोष लक्षण-उदाहरण, अनुवीकृत दोष लक्षण (६५५), उदाहरण, नियमानियम प्रवृत्ति दोष लक्षण (६५६), उदाहरण, विशेष प्रवृत्ति-लक्षण-उदाहरण (१५७),सामान्य प्रवृत्त लक्षण, उदाहरण (६५८), साकांत दोष लक्षण, अयुक्त-पद दोष लक्षण (६५६), उदाहरण, विधि-अयुक्त दोष लक्षण उदाहरण अनुवाद-अयुक्त-दोष उदाहरण (६६०), प्रसिद्ध विद्या-विरुद्ध दोप लक्षण उदाहइण, प्रकाशित विरुद्ध-दोष लक्षण (६६२),उदाहरण,सहचर-भिवदोष लक्षण-उदाहरण, अश्लीलार्थ दोष लक्षण-उदाहरण ६६२),त्यक्त पुनःस्वीकृत दोष लक्षण-ऊदाहरण (६६३):

२४-चौबीसवाँ उल्लास:
६६५-६७२,
 

दोषोद्धार वर्णन (६६५), दोपोद्धार प्रथम उदाहरण, पुनः उदाहरण (६६६), कचित् अश्लोल अदोष गुण कथन (६६७), उदाहरण, क्वचित्ग्रा म्य दोष-गुण कथन, उदाहरण। (६६८), कचित्-अधिक-पद दोष गुणा उदाहरण (६६९), दीपक-लाटादि पुनरुक्त गुण वर्णन, उदाहरण (६७०),क्वचित् गर्भित-दोष गुण कथन, कचित् प्रसिद्ध विद्या-विरुद्ध गुण लक्षण,उदाहरण। (६७१). कचित् सहचर-भिन्न दोष गुण कथन (६७२):

२५-पच्चीसवाँ उल्लास:
६७३-६८८
 

रस-दोष वर्णन (६७३), प्रथम प्रत्यक्ष रस-कथन दोष-उदाहरणा (६७५),व्यभिचारी भावों की शब्द-वाच्यता-युक्त दोष उदाहरणा, स्थायी भावों की शब्द-वाच्यता-युक्त दोष उदाहरण, शब्द-वाच्यता से प्रदोषव कथन (६७६), अवर रस-दोष वर्णन, विभावों की कष्ट-कल्पना का उदाहरण (६७७), अथ श्रदोषता वर्णन, अनुभावों की कष्ट कल्पना का उदाहरण (६७८), अन्य रस-दोष वर्णन (६७९), पुनः उदाहरण (६८०),अदोषता गुण-लक्षण, उदाहरण, पुनः श्रदोषता का उदाहरण (६८१),दीप्ति (बार-बार ) दोप-लक्षण, असमय युक्ति-कथन उदाहरण (६८३),पुनःउदाहरण, पुनः अन्य रस दोष लक्षण, उदाहरणा, अंगी का भूलना दोष उदाहरण (६८४), प्रकृति-विषयक कथन दोष वर्णन (६८५), कविता विचार वर्णन, ग्रंथ-संपूर्णार्थ राम-नाम महिमा वर्णन (६८७):