पृष्ठ:काश्मीर कुसुम.djvu/११२

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के पी- कहां गाड़े ईसवी सन ईसवी सन 'पनामा हो गए। जलम। मरने का विवरन। १७४८ दौस दिल्लो सु- १७१८ रामगाह ल्तान म- शायखको दरगाहमें बड़ा विषयी था. किन्तु औरंगज़ेब के | पीके इतने दिन तक स्थिर होकर इसी | न दिल्ली भीगी नादिर शाह इसो के. | काल में आया. कहते हैं कि इस के प |हले मुहम्मद नकोमोर नामक शहज़ादा |दो चार दिनके हेतु बादशाह हुअा था. सुहम्मद शाह के बादशाह हाने के . पोछे अब्दुत्वाह खां ने १५ दिन के हेतु बादशाह बनाया था.. २० १७२० दर्गाह में उल्मशायरन को . दिल्ली हजरत सुल्तान १७२० १७४८ । नादिर शाह प्रायाः मृतु से सरा १७४८ १७५४ मृतु से मरा. १७५४ । १७६८ दिल्ली के 'हाता मकूबिरः उमाटुनसुल्क के कहने से मेहदी | कुली रवां ने कत्ल कर दिया। हुमायूं में १७५८१८०५ दि दिला. अन्तिम स्वतन्त्र बादशाह इसी के समय से अङ्गरेजों का राज्य हिल्लो में हुआ. १८०३ ईखो. दिल्लो १८०५ १८३७ नाम मात्र १८३७ १८६३ - दिल्ली के बलके में अगरेज़ों ने बिचारे बुड्ढे को नाम मात्र होने पर भी कैद करके रंगून भेज दिया. और इस की आंख के सामने इस के भाई भतीजे | लड़के पोते सब काटे गए. ..