पृष्ठ:काश्मीर कुसुम.djvu/१३५

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[ २२ ] ma kaolu xs JLiya ooli sosolaukiksaral ulways laet xolhalo FM, Aadhuni cetrilocalgunds., JAI, your ekaryushy यह आज्ञापत्र शाहजादे मुहस्पद सुल्तान वहादुर के नाम है. इस का आशय यह है-'कुरान में लिखा है कि पुराने मन्दिर को नहीं गिराना और नए नहीं बनाने देना. ऐसा सुना गया है कि बनारस के ब्राह्मणों को लोग दुख देते हैं. इस हेतु यह याज्ञा दी जाती है कि आगे से कोई हिन्दुओं के स्थानों को न छेडै और ब्राह्मणी को निर्विघ्न पाठ पूजा करने दे- (इतबादि ) १५ जमादिउस्मानी १.६८ । इस के पीछे का हत्तबासेखर की मस्जिद पर का लेख । S UDA, JAI • Enymoothlu stratej Gyle yaspple to an s layn our) ainst- demons + ataular aoti luol. |•vv u,vasya pe in kely pairl Jalgaur-Grology : July entis, tuli sud of•vv अर्थ-सुसलानी धर्म के स्वामी ( इतयादि) औरंगजे व वादशाह की आज्ञा से देवमन्दिर के देवताओं के सिर तोड़ कर यह मस्जिद बनाई गई. ( इतयादि) १.७७ हिजरी।