पृष्ठ:काश्मीर कुसुम.djvu/२६

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७e जयेंद्र * ३०७२ । ४/५८ । ३ । ३४१ । ६ / ६. It ३७ । वि.८८ ई. नामान्तर चन्द्र. सुल्मानों का विजयेन्द्र। ८० . सन्धिमान * ३११९ । ४/२२ । ३२६८२३ । ८ ४७ नामान्तर आर्यराज. जयेन्द्र का मन्त्री था. इसके विषय में यह विचित्र वात प्रसिद्ध है कि फांसी पड़- कर सरकर फिर जिया था, मुहम्मद अज़ीम ने अपने फारसी इतिहास में लिखा है कि जिस समय सन्धिमान शून्ली पर मरगया उसी काल में राजा भी मर गया. तब प्रजा लोगों ने सन्धिमान मन्त्री के पुत्र अरिराय को राज पर बैठाया और इस भांति सन्धिमानके कपालका लिखा पूरा हुआ. अरिरायबि- रागी हो कर जंगल में चला गया फिर युधिष्टिर का पोता गोपाल राजा जो बड़ाही सुन्दर था राजा हुप्रा. अपने ससुर ख़ता के बादशाह की मदद से कश्लोर का राजा हुआ था और सरतं तक जीता। ८१ मेघवाहन |३१५२।४ २४18 ३८३ २३ । ३ गान्धार ( कन्दहार) वा था. वहां के राजा गोपा- ई. सन ई. सन दित्य ने इसको पाला था. बौद्धों को बसाया। ८२ अठसेन ३१८३ । ४ ५८।८ ४०० ५७।८ ३० । मुसल्मानों के अनुसार खता के बादशाह की बेटी इम को ब्याही थी इसने प्रत्यक्ष पशु से घण करके पिष्ट की चान्त चन्ताई. रुपये को दीनार कहते थे. आई- ने अकवरी का मेगदहन।। ८३ हिरण्य ॐ (२) ३२१३ । ६ ८८।८ | ४१५ ८७ ।३ ३०।२ तोरमान कुमार का प्रतिहदी था. मुसल्मानोंने लिखा है कि इसका भाई पुरबाहन इसका मंत्री था। २४