[ ७५ ] बंगाल के लेफिने गवर्नर और श्रीमान् कमांडर इनचीफ़ । बंगाल के चीपा जसिस, वाक्ष कत्ते के लार्ड विशप, पार्क विशप और प- थिम बंगाल के विकार अपसालिक । श्रीसान गवर्नर जनरल के सभा के सभासद । कन्नकत्ते पुइन जज्ज। सभा के अधिक सभासद एतद्देशीय राजे। कनसन्त स जेनरन्त । वरमा के चीफ कामिनर । अन्य देशों के कन्सल एजेन्ट। गवर्नमत्र के सेक्रेटरी। इन के पीछे और बहुत से लोग पलटन के अफसर इत्यादि और लेफनेन्ट गवर्नर के साथ के. लोग थे। ___ यद्यपि अनुचित तो है परंतु ऐसी शोभा कलवात्ते में कभी देखने में नहीं पाई घी और ईश्वर करे न कभी देखने में पावे। श्रीमन् का शरीर सर्वसाधारण लोगों के देखने के लिये तीन दिन पर्यंत मारबहाल रक्खा गया है और सब लोग श्रीमान् का अन्त का दरबार करने वहां जायंगे। हे मारतवर्ष की प्रजा अपने परम प्रेमरूपी अशुजल से अपने उस उपरा- ज्याधीश का तर्पण करो जो आज तक तुम्हारा स्वामी था और जिस की बांह की छांह में तुम लोग निर्भय निवास करते थे और जो अनेक कोटि प्रजा लक्षावधि सैन्य को होते मी अनाथ की भांति एक क्षुद्र के हाथ से मारा गया और एक बेर सब लोग निस्सन्देह शोक समुद्र में मग्न हो कर उस अ- नाथ स्त्री लेडी ग्यौ और उन के छोटे बालकों के दुःख के साथी बनो। हा! लेखिनो दुःख से आगे लिखने को असमर्थ हो रही है नहीं तो विशेष समा- चार लिखती निश्चय है कि पाठकजन इस असह्य दुःख रूपी वृत्त को पढ़ कर विशेष दुःखी होने की इच्छा भी न रखेंगे। श्रीमान् खर्गवासी के मरण पर लोगों ने क्या किया । जिस समय यह शोक रूपी वृत्त श्रीमती महारानी को पहुंचा श्रीमती ने लेडी ग्यौ और वर्क साहेब को तार भेजा कि हम तुम लोगों के उस अपार
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