पृष्ठ:काश्मीर कुसुम.djvu/३३०

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मृत्यु का समय सन्तति गाड़ जाने का। विशेष विवरण स्थान १२ रबीउल पो० ६३३ / ४ पत्र ४ कन्या मदीना | वह देषवादी भूतपिशाचीपासी अरव जाति ईसयो । हिरो में इन्ही ने एकेश्वर वादस्थापन कर के सुसल- मानी मत चलाया ग्यारह विवाह किए. बुद्धि पाथर्य कोशल सम्पन्न घो० किसी के मन में २४ विवाह १८ सन्तति० ११ हिरो | ३ पुत्र २ कन्या मदीना - महात्मा सुहम्मद की एक माप वंश रखगे वाली प्यारी कन्या घो० स्वभाव बहुत गम भौर दयाल था.. . ४० हिगरी १६मजान १७ पत्र वा १९ क फा० गफ सुनियों के चौथे खलीफा० शौयाचों के पह- १७ कन्या | ठीक नहीं ले इमाम पांच बरस तोम महीना खिला | मालूम - फत किया० माता और पिता दोनों सम्बन्ध में यह म. मुहम्मद के यहुत पास थे अर्थात् 'च- . चेरे और मौसेरे भाई थे. यह सैयदों के वंशा की धीर फकीरों के मूल गुरु है. गौ विवा ह किए थे १रपीटलपीवस्तु १८ हि पत्र भोर | मदीना । सुनियों के पांचवें खलीफ़ा तथा शोभाचों गरी ६०० ईसवी ८ कन्या । के दूसरे माम थे० छ महीमा खिलफात किया. विष के शहीद हुए० पांच पुत्रों का कवंश है. १० महर्रम ६१ हिजरी पप पीर कन्या करवाता | शीपापों के तीसरे माम० करवला के प्रसिद्ध युद्ध में शहीद हुए. १३ हिमरी ६३४ ईसवों पक्ष, कन्या | मदीना | सुन्नियों के पहले खलीफा थे. महात्मा मुहम्मद के पीछे २ परस तीन महीना खलो- का रहे. महात्मा मुहम्मद की छोटी स्त्री - यशा के पिता थे. चार वो थी० पीर मुसल मानी धर्म फैलाने को इन्हों ने बहुत सा द्रव्य व्यय किया घो. २३ हितरी ४४ ईसवीरपुष कन्या | मदाना । दूसरे खलीफा घे० १० घरस पाठ महीने खलीफा रहे० शहीद हुएछ पनौ और दो- उपपत्नी थी० ३५ वा ३४ हि० ६५२ ६० ३ युत्र ४ कम्या | मदीना तीसरे खलीफा थे०१२ घरस खलीफा रहे। इन को महात्मा मुहम्मद की दो बेटियां व्याही थों किन्तु उनकी सन्तति नहीं थोपाठस्तीथी पूर्वोक्त तीनों घलीफ़ाकीसन्ततिशेखकहलाते हैं, ४ हिनरी। पुव ८ कन्चा मदीना | शीया लीग केवल इन्हो को सन्तति को . सियद मानते हैं. ११८ वा ११७ हिजरी ११ पत्र ४ कन्चा मदीना १४८ ६ पुष ३ कन्या मदीना