पृष्ठ:काश्मीर कुसुम.djvu/३३४

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दिल्ली दरबार दर्पण अर्थात् श्रीमती राजराजेश्वरी के पदाभिषेक उत्सव में मिलित दिल्ली के महत् दरबार का सविशेप वर्णन और राजालोगों के सलामी की शोधी हुई नई फिहरिस्त । जहत राज राजेश्वरी , जय युवराज कुमार । सय नृप प्रतिनिधि कबिलिटन , जय दिल्ली दरवार ॥ १ ॥ स्नह भरन तम हरन दोउ , प्रजन करन उजियार । भयो देहली दीप सो , यह देहली दरवार ॥ २॥