सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:काश्मीर कुसुम.djvu/३५५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
[ २० ]


महाराज जालियर---"हिसामुसलतनत" [ राज्य की तलबार]
महाराज काश्मीर---“इन्ट्रमहेन्द्र बहादुर लिपरिसलवत (राज्य की ढाल)
महाराज जयगढ़---“वदाई"
महाराज बिजावर---"सवाई"
महाराज चरखारी---"सिपाहदानमुल्ला" ( देश के सेनापति)
सहाराज हंतिया---"लोवोन्द्र"
नीचे लिखे हुए सरदारों और रईसों को "महाराज" की पदवी
अपनी जिन्दगी भर के लिये लिली:---
शानन्दराव पंवार, धार को राजा ।
छन सिंह, उमथर को राजा बहादुर ।
धनुर्जय नारायणभंज देव. किलाक्योंझार के राजा, उड़ीसा।
देव्या सिंह देव, पुरी को राजा, उड़ीसा ।
जगदेन्द्रनाथ राय,[ राजा नाटौर को घराने की बड़ी औलाद]
राजा ज्योतिन्द्रबोधन ठाकुर
बष्णचन्द्र, मोरभंज वाले, उड़ीसा ।
महीपत सिंह, पटना ।
भानरवल बाजा नरेन्द्र साप्पा, काखवात्ता।
राजा शण सिंह, सुसाग के राजा।
राजा रलानाथ ठाकुर, कानकात्ता ।
नीचे शिबीहुई रानियों को उन के जीवन समय के लिये "महारानी" की पदवी मिती:---
रानी हरसुन्दरी देव्या, सिरसौल, बर्दवान ।
पानी हींगन कुमारी, पैदरा, मानभूस ।
शानी सुरतसुन्दरी देव्या, राजशाही ।
वाना सर दिनकरराव को० सी० एस० आइ० को “राजा सुशीरियास्त्र
बहादुर" [ राजा सुख्य ललाहार बहादुर] की पदवी उन की जिन्दगी को लिये मिली।
नीचे लिखे हुए सरदारों और रईसों को उन की ज़िन्दगी के लिये “राना
बहादुर" की पदवी मिली :---
रघुवीरदयाल सिंह, निरीदा के राजा ।