पृष्ठ:काश्मीर कुसुम.djvu/४२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

२०५ शाह शुज़ा २०६ महाराजरणजित ४८४६ २०७ महाराजखनसिंह ४८४७ २०८ कुअरनौनिहालसिंह ४८४७ ४६५० ४८५२ २०८ महाराजशेष सिंह २१० महाराजदलीप सिंह* ११ राजराजेश्वरी विक्टोरिया * ० महाराज रणजीतचिंह ने वोहनूर हीरा इसी से लिया था। | २० | १२३४ हिजरी अर्थात् १८१८ ईसवी १८७५ संवत् में कश्लोर जीता । कश्मीर जीतने की तारीख़। sus syssary: Kali says sly usar १।४/१८८६ संवत में महाराज रणजीतसिंह मरे और ये राज पर बैठे। ०१०।१| ये अपने पिता को क्रिया करके आए उसी समय प- त्यर के नीचे दबकर मरगए। दून को सिंधांवालों ने मारडाला। | बालक अवस्था में नाखमान को राजा थे। अब बिला- यत में पिनशिन पाते हैं। ०1०1७ | सन् १८४६ ईसवी संवत १८०२ में सर्कार ने पंजाब जीता। सात दिन मात्र कश्मीर सर्कार के अधिकार में रहा। ११ / १८४६ ईसवी के १६ मार्च को सर्वान से कश्मीर इन्हीं ने पाया। सं० १९१४ में महाराज गुलाबसिंह के मरने पर ये राजा हुए अब कश्मीर का रकबा २५००० और आम दनी ५०००० समझो जाती है । ४८५२ २१२ महाराजगुलाबसिंह ४८७० २१३ महाराजरणवीर सिंह