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(५२)
८७
रायबरेली के अन्तर्गत सुरसरि-तट दौलतपुर ग्राम,
श्रीहनुमन्त-तनय जिसमें थे रामसहाय द्विवेदी नाम।
उनके एकमात्र सुत मैंने यह कुमारसम्भव का सार,
अबके कवियों को प्रणाम कर किया यथामति किसी प्रकार॥
इति
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८७
रायबरेली के अन्तर्गत सुरसरि-तट दौलतपुर ग्राम,
श्रीहनुमन्त-तनय जिसमें थे रामसहाय द्विवेदी नाम।
उनके एकमात्र सुत मैंने यह कुमारसम्भव का सार,
अबके कवियों को प्रणाम कर किया यथामति किसी प्रकार॥
इति