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कोविद-कीर्तन
नम्बर
समाप्त होने का समय
नाम

६--प्रैक्टिकल इँगलिश.........दिसम्बर १८७३ ई०

७--सिलेक्ट रूट्स......
८--मन्त्रोपदेश-निर्णय.....
६--चाणक्य-नीतिदर्पण....


नहीं मालूम

इन पुस्तकों में से प्रेकटिकल इंगलिश और त्रैभाषिक कोश बड़े काम की पुस्तकें हुईं। प्रैकटिकल इँगलिश तो बहुत दिनों तक स्कूलों में जारी थी । उसमें अँगरेज़ी लिखने के नियम और वाक्यों के उदाहरण बहुत ही अच्छे हैं। इस पुस्तक का संशोधन स्वयं ग्रिफ़िथ साहब ने किया था । अँगरेज़ी भाषा के प्रचार में इस पुस्तक ने बड़ी सहायता पहँचाई। स्कूल में हमने भी इसे पढ़ा था। उसका बीज अभी तक हमारे हृदय में है---Little boys often lose their lives by going into deep water. इत्यादि वाक्य अभी तक हमको याद हैं। यह पुस्तक यद्यपि इस समय स्कूलों में नहीं पढ़ाई जाती, तथापि अँगरेज़ी भाषा में शीघ्र प्रवेश पाने की इच्छा रखनेवाले इसे अब भी बड़े प्रेम से पढ़ते हैं।

परन्तु त्रैभाषिक कोश लिखकर पण्डितजी ने सबसे अधिक नाम पैदा किया। उससे सर्वसाधारण को लाभ भी ख़ूब पहुँचा। इस कोश को देखकर इस प्रान्त की गवर्नमेट इतनी खुश हुई कि उसने पण्डितजी को ५००) की क़ीमत की ख़िलत दी और यह सनद भी भेजी---