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पृष्ठ:खग्रास.djvu/१४०

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खग्रास

"बाईस हजार मील की ऊँचाई में जब उपग्रह चलेगा तो उसकी गति पृथ्वी की गति के बराबर ही होगी। इसलिए वह पृथ्वी के साथ उसी गति से चलेगा, फलस्वरूप वह एक स्थायी स्टेशन की भॉति काम देगा। तथा वहा स्थायी वैज्ञानिक केन्द्र रहेगा।"

"धन्यवाद। कामना करता हूँ, अमेरिका सफल हो। और रूस से आगे न जा सके तो पीछे भी न रहे।"

"आपकी शुभ कामनाएँ मैं अपने राष्ट्रपति से कह दूगा। फिलहाल तो आप हमारी इस बात-चीत का सार टेलीविजन से संसार में प्रसारित करदे।"

"जरूर, जरूर, आपने देखा नहीं, हमारी पूरी बात-चीत टेपरिकार्डर से ध्वनित की जा चुकी है।"

"तो हम इतना ही चाहते है, कि पैरिस में जो नाटो सम्मेलन हो रहा है उससे पूर्व ही आप यह प्रसारित करदे।"

"आपका अभिप्राय मैं समझ गया डाक्टर, ऐसा ही होगा।"

डाक्टर बानफ्रान ने उठ कर हाथ मिलाया और चल दिए। उनके चले जाने के बाद बहुत देर तक मिस्टर डे अपने आप ही हसते रहे।

विश्व समस्याओं की उलझने

द्वितीय विश्व युद्ध के अन्तिम दिनो के बाद से---विश्व समस्याओ के सम्बन्ध में रूस और योरोप के मुखिया तीन सम्मेलन कर चुके थे। प्रथम सम्मेलन याल्टा में फरवरी सन् १९४५ में हुआ था। तब अमेरिका, ब्रिटेन और रूस के प्रतिनिधियो ने मिल कर यह निर्णय किया था कि गुलामी से मुक्त स्वतन्त्र योरोपीय राष्ट्रो में ऐसी अस्थायी सरकार स्थापित की जाय जो आबादी के समस्त लोकतन्त्री तत्वो की व्यापक रूप में प्रतिनिधि हो तथा जनता की इच्छा के अनुरूप हो। इस समय बल्गेरिया, रूमानिया, पौलेण्ड, और हंगरी पर रूसी प्रभाव था। और इन देशो में साम्यवाद द्वारा नियन्त्रित शासन स्थापित था। सन् १९५६ में हंगरी में भीषण विद्रोह उठा। रूमानिया