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मनुष्यो के भय और आतक का कारण बनी हुई है। इन दोनो दुर्धर्ष शक्तियो के पास जो अमोघ प्रक्षेपणास्त्र और प्रलयकर अणु और उद्जन बम है, वे अभी तो यही सोच रही है कि देखे कोन सबसे प्रथम व्योम पर अधिकार जमाता है। व्योम पर अधिकार जमा कर समूचे विश्व को पलक मारते स्वाहा करने की शक्ति दोनो मे है। अभी रूस के विदेश मन्त्री ग्रोमिको ने दर्प से कहा है कि यदि युद्ध हुया तो युद्ध प्रारम्भ होने के बाद चन्द घन्टो मे ब्रिटेन का विनाश हो जायगा। उधर अमरीकी सीनेट मे रिपब्लिकन दल के सीनेटर फासिस केस ने कहा है कि अमेरिका के मध्यवर्ती मार वाले और प्रक्षेपणस्त्रो के ब्रिटेन स्थित अड्डो अथवा योरोप स्थित अन्य सैकडो अड्डो से छोड कर मास्को को एकदम मलियामेट करके गारत कर दिया जायगा। श्री ख श्चेव का कहना है कि एक ही रूसी हाइड्रोजन बम के प्रहार से न्यूयार्क और आसपास के चार करोड मनुष्य मर जायेगे तथा न्यूयार्क भस्म की ढेरी हो जायगा।

रूस ने ललकार कर कहा—

अमरीका इस भुलावे मे न रहे कि वह समुद्र पार शॉति से बैठा रह कर अन्य देशो मे लडाई छेड सकता है। रूस के पास ऐसे राकेट तैयार है जो किसी भी लक्ष्य पर उद्जन बम छोड़ सकते है। सोवियत संघ अपने शस्त्रागार से किसी भी आक्रान्ता को नष्ट कर सकता है। और कोई भी समुद्र आक्रमण से उसकी रक्षा नही कर सकता। अमरीकी सिनेटर श्री फ्रासिस केस ने जो कहा कि अमरीकी व्योम राकेट इङ्गलैण्ड मे प्रशिक्षित दलो को दिया जा सकता है और वहाँ से क्रेमलिन पर उद्जन बम गिराया जा सकता है, उन्होने इस बात की परवाह नही की कि हमले के जबाब मे वे सब योरोपीय देश होगे—जहाँ अमरीकी व्योम राकेट स्थापित किए जा रहे है। सिनेटर केस अमरीकी युद्ध विशेषज्ञो के उसी स्वार्थ की बात कर रहे है, जिनके अनुसार अन्य राष्ट्रो को युद्ध की जिम्मेदारी से लादा जाय। वे सोचते है कि अमरीका समुद्र पार, घर पर शाति से बैठा रहेगा।

विश्व आज अपने इतिहास के मोड पर खडा है। जो व्योम वितान