पृष्ठ:गीता-हृदय.djvu/९२४

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वर्णानुक्रमणिका प्रयास मन्यिास ६०३, ६०५, ६०५, ८६८- सर्वेन्द्रिय ७९३-१४ १, २,६,१ सकल्प ६३५-२३ सकरो ४०६-४२ स्वभाव ६०५-६० सदृश ५४४-३३ सर्गा ७३६-३२ सतत ७०१-१४ सहस्र ६८४-१७ म ७६६-४ सहज ८६९-४७ नम ७७९-१८ स्वधर्म ४४७-३१ मम ८०१, ८०१-२७, २८ स्थित ४७४-५४ मम ८१२-२४ सह ५२६-१० सत्व ८०९-8 स्थाने ७५४-३६ सत्य ८०८-५ स्वे ८९८-४५ सत्वात् ८१०-१७ साख्य ६०५-४ सत्व ८५०-३ साधि ६७१-३० सद्भावे ८६२-२६ सिद्धि ६०१-४६ मर्व ६१३, ६३७, ६२८, ६७६, सुस ४५१, ६३५, ८८५-३८, २० ७३२, ८०८, ८०६, ८२८, १०४, ६१९, ६६७, ८८० सुदुर्दर्श ७६१-५२ १३, २६, ३१, ११, १४,४, सुहृन् ६२६-8 ११, १५, ५६, ६४, ७, २० हतो ४५१-३५ सर्वा ५८२-२७ हन्त ७३४-१६ सर्वत 562-१३ हृपीकेप ४०४-२२