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पृष्ठ:गोर्की की श्रेष्ठ रचनाएँ.djvu/१७४

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१७६ मोड वीया की लड़की परन्तु वासना की ज्वाला से जलते हुए शब्दों में बातें करता । लेकिन जब उसे मेरी जरूरत नहीं होती तो वह मुझे खाने को दौड़या और उसके शब्द कोड़ों का पा भयंकर आघात करते । एक बार हम लोग नदी तट पर घूमते चले जा रहे थे । उप समय मेरे प्रति उसका व्यवहार बड़ा उद्दन्डता पूर्ण और आक्रमणकारी का सा हो उठा । श्रोह । श्रोह ।। क्या मैं उस समय पशिल हो उठी थी । मैं गुस्से से उबल रही थी । मैंने उसे बच्चे की तरह हाथों पर उठा लिया, वह एक छोटा सा श्रादमी था , और उसे इस बुरी तरह भींचा कि कष्ट से चेहरा सफेद पड़ गया । और तब मैंने उसे जोर से घुमाकर नदी में फेंक दिया । वह जोर से चीखा । उसकी वह चीख कितनी अद्भुत थी । मैंने उसे पानी में छटपटाते देखा और घर चली आई । उसके बाद मैं उससे कभी नहीं मिली । इस मामले में मैं बहुत भाग्यशालिनी थी । मैं उस श्रादमी से जीवन में फिर कभी नहीं मिली जिसे मैंने कभी प्यार किया था । इस तरह की मुलाकातें बड़ी दखदायी होती हैं । उनसे मिलते समय ऐसा लगता है मानो मुर्दे से मिल रहे हो । वह बुढ़िया बोलते २ चुप होगई और एक गहरी साँस ली । मैं करना में उन व्यक्तियों के चित्र बनाने लगा जिन्हें उस युढ़िया ने अपनी कथा के रूप में पुनर्जीवित कर दिया था । यह भाग के से लाल रंग वाला, गलमुच्छे धारण किए हुजूनियन , पाइप पीता हुमा चुपचाप फाँसी के तख्ते की पोर जाता हुमा । सम्भव है कि उसकी आँखें नीली भोर शान्त थीं जिनके द्वारा वह प्रत्येक वस्तु को पूर्ण पृढ़ता और तन्मयता से देखने का श्रादी था । उसकी बगल में काले गलमुच्छों वाला प्रट का निवासी वह मछुथा है जो मरना नहीं चाहता इसलिए रो रहा है । मृत्यु की कल्पना से ! उसका चेहरा पीला पड़ गया है, उसकी वे प्रसन्नता से नाचती हुई आँखें सूनी मी होगई है और उसकी मूछे, श्रॉसुधों से भीगकर, निराश होकर उसके वेदना से ऐठे हुए-मुख के दोनों ओर लटक रही हैं । .. और वह उड्दा यळ यल शरीर वाला तुर्क जो सम्भवत , एक भाग्यवादी और कर