गोल-सभा ४ भारतवर्ष अति प्राचीन सभ्यता का केंद्र, खनिज और कृषि के लिये हर तरह उपयुक्त, संसार-भर में महत्त्व-पूर्ण देश है। भारत के महत्व के विषय में अमेरिका के प्रसिद्ध विद्वान् सदरलैंड ने अपने विचार इस प्रकार लिखे हैं- १–भारतीय जाति सबसे पुरानी जाति है,३,००० वर्ष से भी पुरानो। इस जाति का अब तक का श्राद्योपांत इतिहास मिलता है। २-चीन को छोड़कर भारतीय जाति संसार में सबसे बड़ी जाति है। दूसरे ढंग से यह कह सकते हैं कि रूस को छोड़कर शेष समस्त योरप के बराबर इसकी जन-संख्या है । यदि दक्षिण और उत्तर अमेरिका को मिलाया जाय, तो उन दोनो को जन-संख्या से इसको जन-संख्या बढ़ी हुई है। ३-भारत सभ्यता में योरप आदि से बहुत श्रेष्ठ है, और आज तक अपनी निजू सभ्यता को कायम रख सका है। इसकी सभ्यता का विकास संसार में सबसे प्रथम हुआ था। ४-भारत ही एक ऐसा प्रथम देश है, जहाँ सिकंदर को परा- जय हुई, और उसे उलटे पांव लौटना पड़ा। ५-जब तक गौरकाय सत्ता का यहाँ प्रवेश नहीं हुआ था, तब तक भारत ऐश्वर्य में संसार में सबसे बढ़-चढ़कर था। ६-भारतीय जनता अधिकतर आर्य-जाति की वंश-परंपरा है, और आर्य-रक्त उसकी नसों में बह रहा है । उस आर्य-जाति से यह जाति संबद्ध है, जिससे ग्रीक, रोमन, जर्मन, इंगलिश और हमारी अमेरिका भी संबद्ध है।
पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१४
दिखावट