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पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१६८

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गोल-सभा और परिहास सहकर सात समुद्र-पार पाए हुए हैं। हम अपने देश में विश्वासघातक समझे जाते हैं, फिर भी हम स्पष्ट रीति से साफ-साफ बातचीत करने आए हैं, जिससे अंत में हम सिद्ध कर सकें कि हमारी हँसी उड़ानेवालों की भविष्यवाणी ठीक नहीं थी। "इसके बाद आपने पिछले दस वर्षों की बदली हुई स्थिति का दिग्दर्शन कराया, और सत्याग्रह-संग्राम की गंभीरता बतलाई। उन्होंने कहा कि आज से पहले कभी भारतवर्ष पर एजेंटों और उप-एजेंटों का शासन नहीं था। मुग़ल-शासन- काल में भी ऐसा नहीं था। पार्लियामेंट के शासन का वास्तविक अर्थ क्या है ? लगभग आधे दर्जन मनुष्य इंगलैंड में और उतने ही भारत में इकट्ठे होकर राज्य कर रहे हैं। इसलिये हमारे लिये यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि हम स्वराज्य के लिये सचेष्ट हों। "आज जब हम निषिद्ध शब्द औपनिवेशिक स्वराज्य' का नाम लेते हैं, तो औसत दर्जे का अंगरेज पूछता है कि इससे तुम्हारा मतलब क्या है ? क्या यही सवाल औसत दर्जे के अँगरेज़ ने सन् १८६५ में कनेडा, सन् १६०० में आस्ट्रलिया और सन् ११०६ में दक्षिण आफ्रिका के संबंध में पूछा था ? भारत बराबरी का अधिकार लेने और प्रतिनिधि-शासन की व्यवस्था करने का निश्चय कर चुका है। प्रांतीय स्वाधीनता कभी भी पर्याप्त नहीं हो सकती। उसके