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पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१८२

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१६४ गोल-सभा स्वतः ही स्थिर रहने लग जाय । अब भी ऐसा करने के लिये समय बिल्कुल टल नहीं गया है। सर फ़िरोज सेठना ने अनुदार-दल के लॉर्ड पील को जवाब देते हुए कहा कि विशेषा- धिकार प्राप्त योरपियनों के अनेक उदाहरण दिए जा सकते हैं। अभी पिछले कुछ वर्षों में भी योरपियनों को एक प्रकार केठे के की तरह विशेषाधिकार मिलते रहे हैं। यद्यपि मांटेगू-सुधार से स्थिति कुछ बदली है, फिर भी योरपीय व्यापारियों की सुनवाई और पहुँच अब भी सरकार के यहाँ अधिक है। नवीन विधान द्वारा ही योरपीय और भारतीय व्यवसायियों में एकता और साम्राज्य का लाभ हो सकता है। कुछ अधिक समय लग जाने के कारण सभापति (प्रधान मंत्री) ने कहा-मैं समझता हूँ, अब लॉर्ड पील को पूरा उत्तर दिया जा चुका होगा। महाराजा अलवर ने फेडरल-शासन-विधान को ही औपनिवेशिक स्वराज्य-प्राप्ति का छोटे-से-छोटा रास्ता बतलाया। इस प्रकार आपने इस ढंग में हिंदोस्तानी रियासतों के सम्मिलित होने की भारी आशा प्रकट की। आपने कहा कि पिछले योरपियन युद्ध में भारत ने इंगलैंड की सहायता की थी। अब वह अवसर आ गया है, जब कि इंगलैंड भारत की सहायता करने को आगे बढ़े। इसके बाद बंगाल के मुसलमानों के प्रतिनिधि मि० फजलुल-