पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१८९

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तेरहवां अध्याय १७१ गवर्नर जनरल सम्राट् के प्रतिनिधि होंगे, और समाट् के सब अधिकारों को अपनी कार्यकारिणी की सलाह से काम में लावेंगे । कैबीनेट के वजीरों की संख्या कम-से-कम १५ होगी। इनका वेतन ३-४ हजार रुपए के बीच हो । खजाना, माल, रक्षा, चुंगी, नमक, अफीम, रेल-तार-डाक- व्यापार-शिल्प, भारतीय सामाजिक समस्याएँ, रियासतों तथा प्रांतों के आपस के झगड़े तथा अन्य मामले सब केंद्रीय सर- कार के अधीन रहेंगे। एक सुप्रीम कोर्ट' बनाया जायगा, जो सब हाईकोटों की अपीलें सुना करेगा। जहाँ तक हो सकेगा, देश-भर के लिये दंड-विधान एक-सा होगा। प्रांतीय सरकारें प्रांतों के शासन में एक गवर्नर, जितं गवर्नर जनरल नियुक्त करेंगे, एक व्यवस्थापिका सभा, तथा एक वजीरों की सभा रहेगी। व्यवस्थापिका सभा का नाम कौंसिल की अपेक्षा एसेंबली' रक्खा जाय, और इसमें सब सदस्य जनता की ओर से निर्वा- चित होंगे। संख्या २००-२५० रहेगी। वजीरों की नियुक्ति सभा का बलशाली दल करेगा, और वजीरों में कोई सरकारी पदाधि- कारी न रहेगा। इंडिया-ऐक्ट 'डोमीनियंस ऑफ इंडिया-ऐक्ट' में निम्नलिखित आव- श्यकताओं को अवश्य ही स्थान दिया जायगा--