पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पहला अध्याय या खराब, चौथाई भाग लिया जाता था । इस प्रकार जब फसल खूब अच्छी होती थी, तब गवर्नमेंट और प्रजा दोनो ही भरे-पूरे रहते थे, और दोनो को एक ही प्रकार के लाभ रहते थे। और, जब फसल खराब होती थी, तब दोनो ही हानि सहते थे। परंतु अब तो चाहे फसल अच्छी हो या खराब, या बिलकुल ही न हुई हो, प्रतिवर्ष एक निश्चित रकम वसूल को जाती है ! सन् १८१७ के बाद उपयुक्त प्रकार से लगान जबर- दस्ती वसूल करने की रोति चल पड़ी, जिसका परिणाम यह हुआ कि सन् १८२३ में लगान की आमदनी ८० लाख से १ करोड ५० लाख बढ़ गई, और सन् १८७५ में वह बढ़कर ४ करोड ८० लाख हो गई ! "जब गत शताब्दि के प्रारंभ में सर टॉमस मुनरो मद्रास के गवर्नर नियुक्त किए गए थे, तब भी लगान के संबंध में इसी प्रकार की सख्तियाँ की गई थी, और इसके परिणाम स्वरूप समस्त प्रांत से किसानों के भूखे मरने के समाचार आने लगे थे, और जांच के उपरांत गवर्नमेंट को २५ प्रतिशत लगान कम करना पड़ा था। उनके अधीन ऑफिसर पहले तो उनको आज्ञा-पालन करने में आना-कानी करने लगे, परंतु अंत में उन्हें उनकी कड़ी आज्ञा के सामने नत-मस्तक होना पड़ा । इस लगातार लूट-खसोट का परिणाम यह हुआ कि उस देश को प्रजा इतनी गरीब हो गई, जितनी संसार के किसी अन्य देश को नहीं । सचमुच सौ वर्ष के 'सभ्य' कहलानेवाले शासन