पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/२१

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भारतीभवन AYAG. दूसरा अध्याय भारत और ग्रेट ब्रिटेन महारानी एलिजाबेथ के शासन के बाद ३ शताब्दियों में इंगलैंड ने अपना साम्राज्य स्थापित किया है । भारत का इँग. लैंड के हाथ आ जाना एक आकस्निक घटना है । पर उसने इंगलैंड को असाधारण जोवन दिया है । यदि इंगलैंड का भारत और उसके संबंधी उपनिवेशों से संबंध छूट जाय, तो वह शेक्सपियर के समय की तरह 'एक बड़े भारी जलाशय में हंस के समान' रह जायगा । परंतु यदि भारत और ग्रेट ब्रिटेन में इस साम्राज्य की स्था- पना से वह सांघातिक मेल हो गया होता, जो उनके राजनीतिक 'स्वार्थों और आर्थिक समस्याओं का मित्र-भाव से एक करता, तो आशा की जा सकती थी कि ग्रेट ब्रिटेन का साम्राज्य अमेरिका के संयुक्त राज्यों जैसा बन जा सकता था, पर ऐसा नहीं हुआ। भारत को नैतिक राज्य में संगठित करने में ग्रेट ब्रिटेन को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा है, जो अनेक जातियों और समुदायों का शिकार है। इंगलैंड, जो एक हाथ से पृथ्वो-भर के भविष्यवाद को दृढ़ता से पकड़े रहना चाहता है, दूसर से सदैव के लिये उस भारत को पकड़े रहने का अभिलाषी है, जो