सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/२१४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

गोल-सभा संबंध त्याग देने और चले आने के बाद उनका क्या होगा? वह वापस लौटने और बिदाई से पूर्व नई सत्ता से अपने संबंध में शर्ते जान लेना चाहता है। "दूसरा प्रभाव पड़ेगा भारत की सिविल सर्विस पर, जो अब तक बहुत बुद्धिमान और राज-भक्त रही है। इसके बाद असर पड़ेगा पुलिस पर, जिसने निराशा के समय भी, सब कष्ट और धमकियाँ सहकर, अपना कर्तव्य निबाहा, और आज्ञा पालन की है। वे अपनी ही जान पर खेले भी हैं, और अंत में भार- तीय फौज इस चपेटे में श्रावेगी, जो, जब इसके सिर से ग्रेट ब्रिटेन की राज्य-भक्ति उलट जायगी, दूसरे केंद्र पर बदली जाने को बाधित होगी, और इसका परिणाम ऐसा भयंकर होगा, जिसे सोचने से हम आज भी भयभीत हैं। "भारतीय सम्मति के इन सब परिवर्तनों का कारण भारत की समस्या का परिवर्तन नहीं । ग्रेट ब्रिटेन के प्रतिनिधियों की इच्छा-शक्ति और श्रात्म-विश्वास की ज़ाहिरा कमी ही इसका कारण है । मैं अपने भारतीय मित्रों को चेतावनी देता हूँ कि वे इन थोथी दिखावटों के धोखे में न आवें। अब भी शासन "पाश्चात्य शक्तिशाली सरकार के राजनीतिज्ञों के चिकने- चुपड़े आश्वासनों और धैर्यो तथा इस राउंड टेबिल की हवाई बातों के होते हुए भी भारत पर शासन तो दृढ़ता-पूर्वक जारी ही है। २४ हजार भारतीय राजनीतिक कैदी अपनी मूर्खता से जेलों