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पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/५४

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गोल-सभा के मिलने का जो परिणाम देखने में आया है, उन सब बातों पर विचार कर कांग्रेस यह राय जाहिर करती है कि गोल-सभा में कांग्रेस के प्रतिनिधियों के जाने से कोई भी लाभ न होगा। अतएव कांग्रेस के पिछले अधिवेशन के निर्णय के अनुसार यह कांग्रेस घोषणा करती है कि पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त करना हो कांग्रेस का ध्येय या लक्ष्य है, और साथ ही यह भी घोषणा करती है कि नेहरू-रिपोर्ट भी बेकार हो गई। अब से प्रत्येक कांग्रेस का कार्यकर्ता पूर्ण स्वाधीनता पाने के लिये ही उद्योग करेगा, और पूर्ण स्वाधीनता के लिये ही प्रचार कार्य करेगा। कांग्रेस को इस नीति की रक्षा के लिये यह कांग्रेस भारतीय और विभिन्न प्रादेशिक व्यवस्थापिका सभाओं, सरकार द्वारा बनाई गई कमेटियों, लोकल बोर्डों, यूनियन बोडों इत्यादि को पूर्ण रूप से त्याग देने का निश्चय घोषित करती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह कांग्रेस समस्त कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय आंदोलन के साथ संबंध रखनेवाले व्यक्तियों तथा संस्थाओं से भविष्य में चुनावों से किसी प्रकार का सपर्क न रखने के लिये कह रही है, और अभी जो कांग्रेस के कार्यकर्ता व्यवस्थापिका सभाओं, जिला बोर्डो और लोकल बोर्डों में काम कर रहे हैं, उनसे यह कांग्रेस अनुरोध करती है कि वे उन्हें एक- दम छोड़ दें। महात्माजी के इस प्रस्ताव का पंडित मोतीलालजी नेहरू ने समर्थन किया; पर बाद को पंडित मदनमोहन मालवीय और