पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/९०

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सातवाँ अध्याय युद्ध-यात्रा युद्ध-यात्रा का प्रारंभ १२ मार्च को प्रातःकाल हुआ। इसमें १०० सत्याग्रही योद्धा सम्मिलित थे। यात्रा प्रारंभ करने के प्रथम महात्माजी ने यात्रा-संबंधी निम्नलिखित नियम प्रकाशित करा दिए थे। वे नियम ये थे- सत्याग्रही की कूच इस संघ में लगभग १०० मनुष्यों के सम्मिलित होने की संभावना है। इस समय आश्रम में रहनेवालों के सिवा भी जो दूसरे लोग आश्रम के नियमों का पालन करते हैं, और जाने को उत्सुक हैं, एवं जिन्हें साथ लेना बहुत जरूरी है, उन्हें भी ले जा रहा हूँ। इसीलिये अंतिम सूची तैयार नहीं कर पाया हूँ। ता० १२ मार्च को सबेरे ६३ बजे कूच शुरू होगा। गांवों के मुखियों और सेवकों से मेरा निवेदन है कि वे नीचे- लिखी सूचनाओं को ध्यान में रक्खें। आशा है, हर जगह संघ सबेरे ८ बजे पहुँच सकेगा, और १० से १०३ के बोच खाने को बैठ जायगा । मुमकिन है, पहले दिन असलाली ( पड़ाव का पहला गाँव) पहुँचते-पहुँचते ६३ बज जायँ । दोपहर को या रात को किसी मकान की आव-