पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/९२

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52 गोल-सभा और सूखी दाख अथवा खजूर और तीन खट्टे नीबू होंगे, तो बस होगा। मुझे उम्मीद है कि इस तरह के सादे भोजन के प्रबंध के सिवा और किसी तरह का खर्च गाँववाले न करेंगे। हरएक गाँव के और आस-पास के गांवों के लोगों से मिलने की मैं आशा रक्तूंगा। सोने के लिये जरूरी बिछौना वगैरह सामान हरएक आदमी के पास होगा, अतएव सोने के लिये साफ जगह के सिवा गाँव- वालों को और किसी तरह का प्रबंध करने की ज़रूरत न होगी। गाँववालों के लिये पान-सुपारी या चाय का खर्च करना निरर्थक होगा। हरएक गांव में सफाई का ठीक-ठीक प्रबंध किया जाय, और सत्याग्रहियों के लिये पाखाने को जगह पहले से ही मुकर्रर कर तो अच्छा हो। नज़दीक ही कुछ आड़ हो, तो और भी अच्छा हो । यह इष्ट है कि यदि गांववाले अब तक खादी का उपयोग न करते हों, तो अब करने लगे। मैं चाहूँगा कि हरएक गाँव के बारे में नीचे-लिखी हक़ीकर्ते तैयार रक्खी जायँ- १. आबादी स्त्री-पुरुष-हिंदू, मुसलमान, ईसाई, पारसी इत्यादि की संख्या । २. 'अस्पृश्यों की संख्या । ३. मदरसा हो तो उसमें पढ़नेवाले बालक-बालिकाओं की संख्या। ४. चों की संख्या । ५. खादी की माहवार खपत । ६. पूर्ण खादीधारियों ली जाय,