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गोदान
 


यह आप समझ लें,मिस मालती, कि यह बड़ी जिम्मेदारी का काम है और आपको अपना बहुत समय देना पड़ेगा। मैं अपनी तरफ़ से आपको विश्वास दिलाता हूँ कि आप सभाभवन में मुझे सबसे पहले मौजूद पायेंगी।

मिर्जाजी ने पुचारा दिया--आपका बड़े-से-बड़ा दुश्मन भी यह नहीं कह सकता कि आप अपना फ़र्ज़ अदा करने में कभी किसी से पीछे रहे।

मिस मालती ने देखा,शराब कुछ-कुछ असर करने लगी है,तो और भी गम्भीर बनकर बोलीं--अगर हम लोग इस काम की महानता न समझते,तो न यह सभा स्थापित होती और न आप इसके सभापति होते। हम किसी रईस या ताल्लुकेदार को सभापति बनाकर धन खूब वटोर सकते हैं,और सेवा की आड़ में स्वार्थ सिद्ध कर सकते हैं,लेकिन यह हमारा उद्देश्य नहीं। हमारा एकमात्र उद्देश्य जनता की सेवा करना है। और उसका सबसे बड़ा साधन आपका पत्र है। हमने निश्चय किया है कि हरएक नगर और गाँव में उसका प्रचार किया जाय और जल्द-से-जल्द उसकी ग्राहक-संख्या को बीस हजार तक पहुँचा दिया जाय। प्रान्त की सभी म्युनिसिपैलिटियों और ज़िला बोर्ड के चेयरमैन हमारे मित्र हैं। कई चेयरमैन तो यहीं विराजमान हैं। अगर हरएक ने पाँच-पाँच सौ प्रतियाँ भी ले लीं,तो पचीस हजार प्रतियाँ तो आप यक़ीनी समझें। फिर राय साहब और मिर्जा साहब की यह सलाह है कि कौंसिल में इस विषय का एक प्रस्ताव रखा जाय कि प्रत्येक गाँव के लिए 'विजली' की एक प्रति सरकारी तौर पर मॅगाई जाय, या कुछ वार्पिक सहायता स्वीकार की जाय। और हमें पूरा विश्वास है कि यह प्रस्ताव पास हो जायगा।

ओंकारनाथ ने जैसे नशे में झूमते हुए कहा--हमें गवर्नर के पास डेपुटेशन ले जाना होगा।

मिर्जा़ खुर्शद बोले--ज़रूर-जरूर!

'उनसे कहना होगा कि किसी सभ्य शासन के लिए यह कितनी लज्जा और कलंक की बात है कि ग्रामोत्थान का अकेला पत्र होने पर भी 'विजली'का अस्तित्व तक नहीं स्वीकार किया जाता।'

मिर्जा खुर्शद ने कहा--अवश्य-अवश्य!

'मैं गर्व नही करता। अभी गर्व करने का समय नहीं आया; लेकिन मुझे इसका दावा है कि ग्राम्य-संगठन के लिए 'विजली'ने जितना उद्योग किया है...'

मिस्टर मेहता ने सुधारा--नहीं महाशय,तपस्या कहिए।

'मैं मिस्टर मेहता को धन्यवाद देता हूँ। हाँ, इसे तपस्या ही कहना चाहिए,बड़ी कठोर तपस्या।'विजली' ने जो तपस्या की है,वह इस प्रान्त के ही नहीं,इस राष्ट्र के इतिहास में अभूतपूर्व है।'

मिर्जा़ खुर्शद वोले--ज़रूर-ज़रूर!

मिस मालती ने एक पेग और दिया--हमारे संघ ने यह निश्चय भी किया है कि कौंसिल में अब की जो जगह खाली हो, उसके लिए आपको उम्मेदवार खड़ा किया जाय।