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पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 1.djvu/८४

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कोतवाल-फसाद करके कोई क्या कर लेगा? राज्य तो हम तीनों की मुट्ठी में है!

इतने ही में बाहर दरवाजे इतने ही में बाहर किसी आदमी के पैरों की चाप मालूम हुई। तीनों देर तक उसी तरफ देखते रहे, मगर कोई न आया। कोतवाल यह कहता हुआ कि 'कहीं कोई छिप के बातें सुनता न हो।' उठा, और कमरे के बाहर जाकर इधर-उधर देखने लगा, मगर किसी का पता न चला, लाचार फिर कमरे में चला आया और बोला, "कोई नहीं है, खाली धोखा हुआ।"

इस जगह विस्तार से यह लिखने की कोई जरूरत नहीं कि इन तीनों में क्या-क्या बातचीत होती रही या इन लोगों ने कौन-सी सलाह पक्की की, हाँ, इतना कहना जरूरी है कि बातों-ही-बातों में इन तीनों ने रात बिता दी और सवेरा होते ही अपने-अपने घर का रास्ता लिया।

दूसरे दिन पहर रात जाते-जाते कोतवाल साहब के घर में एक विचित्र बात हुई। वे अपने कमरे में बैठे कचहरी के कुछ जरूरी कागजों को देख रहे थे कि इतने ही में शोरगुल की आवाज उनके कानों में आई। गौर करने से मालूम हुआ कि पर लड़ाई हो रही है। कोतवाल साहब के सामने जो मोमी शमादान जल रहा था उसी के पास एक घण्टी पड़ी हुई थी, उठा कर बजाते ही एक खिदमतगार दौड़ा-दौड़ा सामने आया और हाथ जोड़ कर खड़ा हो गया। कोतवाल साहब ने कहा, "दरियाफ्त करो, बाहर कैसा कोलाहल मचा हुआ है?" खिदमतगार दौड़ा बाहर गया और तुरन्त लौट कर बोला, "न मालूम कहाँ से दो आदमी आपस में लड़ते हुए आये हैं, फरियाद करने के लिए बेधड़क भीतर धंसे आते थे। पहरे वालों ने रोका तो उन्हीं से झगड़ा करने लगे।"

कोतवाल-उन दोनों की सूरत-शक्ल कैसी है?

खिदमतगार-दोनों भले आदमी मालूम पड़ते हैं, अभी मूँछें नहीं निकली हैं, बड़े ही खूबसूरत हैं, मगर खून से तर-बतर हो रहे हैं।

कोतवाल-अच्छा, कहो, उन दोनों को हमारे सामने हाजिर करें।

हुक्म पाते ही खिदमतगार फिर बाहर गया और थोड़ी ही देर में कई सिपाही उन दोनों को लिए हुए कोतवाल के सामने हाजिर हुए। नौकर की बात बिल्कुल सच निकली। वे दोनों कम-उम्र और बहुत खूबसूरत जवान थे, बदन पर लिबास भी बेशकीमत था, कोई हर्वा उनके पास न था, मगर खून से उन दोनों का कपड़ा तर हो रहा था।

कोतवाल-तुम लोग आपस में क्यों लड़ते हो, और हमारे आदमियों से फसाद करने पर उतारू क्यों हुए?

एक-(सलाम करके) हम दोनों भले आदमी हैं, सरकारी सिपाहियों ने बदजबानी की, लाचार गुस्सा तो चढ़ा ही हुआ था, बात बिगड़ गई।

कोतवाल—अच्छा, इसका फैसला पीछे होता रहेगा, पहले तुम यह कहो कि आपस में क्यों खूनखराबी कर बैठे और तुम दोनों का मकान कहाँ है?