पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 2.djvu/१२४

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गिरते ही बेहोश हो गई। भूतनाथ पुकार उठा––"वह मारा!" उस तिलिस्मी खंजर का हाल जो कमलिनी ने भूतनाथ को दिया था, पाठक बखूबी जानते ही हैं, कुछ लिखने की आवश्यकता नहीं। इस समय वही खंजर भूतनाथ की कमर में था। उसकी तासीर से नागर बिल्कुल बेखबर थी। वह नहीं जानती थी कि जिसके पास उसके जोड़ की अँगूठी न हो, वह उस खंजर को छू नहीं सकता।

अब भूतनाथ का जी ठिकाने हुआ, और वह अपने छूटने का उद्योग करने लगा, परन्तु हाथ-पैर बँधे रहने के कारण कुछ न कर सका। आखिर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा, जिससे किसी आते-जाते मुसाफिर के कान में आवाज पड़े तो वह आकर उसको छुड़ावे।

दो घण्टे बीत गए, मगर किसी मुसाफिर के कान में भूतनाथ की आवाज न पड़ी और तब तक नागर भी होश में आकर उठ बैठी।


2

हम ऊपर लिख आए हैं कि राजा वीरेन्द्रसिंह तिलिस्मी खँडहर से (जिसमें दोनों कुमार और तारासिंह इत्यादि गिरफ्तार हो गए थे) निकलकर रोहतासगढ़ की तरफ रवाना हुए तो तेजसिंह उनसे कुछ कह-सुनकर अलग हो गए और उनके साथ रोहतासगढ़ न गए। अब हम यह लिखना मुनासिब समझते हैं कि राजा वीरेन्द्रसिंह से अलग होकर तेजसिर ने क्या किया।

एक दिन और रात उस खंडहर के चारों तरफ जंगल और मैदान में तेजसिंह घुमते रहे, मगर कुछ काम न चला। दूसरे दिन वह एक छोटे से पुराने शिवालय के पास पहुँचे, जिसके चारों तरफ बेल और पारिजात के पेड़ बहुत ज्यादा थे, जिसके सबब से वह स्थान बहुत ठंडा और रमणीक मालूम होता था। तेजसिंह शिवालय के अन्दर गए और शिवजी का दर्शन करने के बाद बाहर निकल आए, उसी जगह से बेलपत्र तोड़कर शिवजी की पूजा की, और फिर उस चश्मे के किनारे जो मन्दिर के पीछे की तरफ बह रखा था, बैठकर सोचने लगे कि अब क्या करना चाहिए। इस समय तेजसिंह एक मामली जमींदार की सूरत में थे, और यह स्थान भी उस खण्डहर से बहुत दूर न था।

थोडी देर बाद तेजसिंह के कान में आदमियों के बोलने की आवाज आई। बात साथ समझ में नहीं आती थी इससे मालूम हुआ कि वे लोग कुछ दूर पर हैं। तेजसिंह ने सिर उठा कर देखा तो कुछ दूर पर दो आदमी दिखाई पड़े जो उसी शिवालय की तरफ आ रहे थे। तेजसिंह चश्मे के किनारे से उठ खड़े हुए और एक झाड़ी के अन्दर छिप कर देखने लगे कि वे लोग कहाँ जाते और क्या करते हैं। इन दोनों की पोशाकें उन लोगों से बहत-कूछ मिलती थीं जो तारासिंह की चालाकी से तिलिस्मी खँडहर में बेहोश हुए थे और जिन्हें राजा वीरेन्द्रसिंह साधू बाबा (तिलिस्मी दारोगा) के सहित कैदी बना कर