पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 3.djvu/२२३

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कमलिनी–हाँ-हाँ, मैं वह सब हाल तुमसे कहूँगी, मगर कमला, तुम यह न समझना कि उसके सबब से हम लोगों के दिल में तुम्हारी मुहब्बत कम हो जायगी।

किशोरी-नहीं-नहीं, ऐसा कदापि नहीं हो सकता! मैं तुम्हारी नेकियों को कदापि नहीं भूल सकती। तुमने मेरी जान बचाई, तुमने दुःख के समय मेरा साथ दिया, और तुम्हारे ही भरोसे पर मैंने जो जी में आया किया।

लक्ष्मीदेवी-(कमला से)यद्यपि मेरा-तुम्हारा साथ नहीं हुआ है, परन्तु मैं तुम्हारे दिल को इन्हीं दो-चार दिनों में अच्छी तरह समझ गई हूँ। निःसन्देह तुम्हारी दोस्ती कदर करने लायक है और यह बात तो हम लोग अच्छी तरह जानते हैं कि तुमने किशोरी लिए बहुत तकलीफ उठाई, इससे ज्यादा कोई किसी के लिए नहीं कर सकता।

कमला-मैंने किशोरी के लिए कुछ भी नहीं किया, जो कुछ किया किशोरी की मुहब्बत ने किया है। मैं तो केवल इतना जानती हूँ कि मेरी जिंदगी किशोरी की जिंदगी के साथ है। यदि वह खुश है तो मैं भी खुश हूँ, इसे दुःख है तो मुझे भी रंज है। और फिर मैं किस लायक हूँ! मगर उस समय बेशक मुझे बड़ा दुःख होगा जब किसी को यह कहते सुनूंगी कि 'कमला का बाप दुष्ट था।' हाय, जिसके साथ मैं जान देने के लिए तैयार हूँ, उसी के साथ मेरा बाप बुराई करे!

'कमलिनी-नहीं-नहीं, कमला-तुम्हारे बाप ने किशोरी के साथ कोई बुराई नहीं की बल्कि उसने हम तीनों बहिनों के साथ बुराई की है जिन्हें तुम थोड़े दिन पहले जानती भी नहीं थीं। अतएव तुम्हें रंज न करना चाहिए, फिर मैं यह भी उम्मीद करती हूँ कि राजा वीरेन्द्रसिंह भूतनाथ का कसूर माफ कर देंगे।

लक्ष्मीदेवी-बहिन, इन बातों को जाने भी दो! चाहे भूतनाथ ने हम लोगों के साथ कैसी ही बुराई क्यों न की हो, मगर हम लोग उसे अवश्य माफ करेंगे क्योंकि कमला को किसी तरह उदास नहीं देख सकते। कमला, तू मेरी सगी बहिन से बढ़कर है! जब कि किशोरी तुझे अपना मानती है तो निःसन्देह हम लोग उससे बढ़कर मानेगी। सच तो यह है कि आज हम लोग जिन सुखों की आशा कर रहे हैं, वे सब किशोरी के चरणों की बदौलत हैं।

इतना कहकर लक्ष्मीदेवी ने कमला को गले लगा लिया और उसके आँसू पोंछे, क्योंकि इस समय उसकी आँखों से बेअन्दाज आँसू बह रहे थे। किशोरी भी रो रही थी, लक्ष्मीदेवी, लाड़िली और कमलिनी की आँखें भी सूखी न थीं। कमलिनी ने सभी को समझाया और बातों का रंग-ढंग बदल देने की कोशिश की। थोड़ी देर तक सन्नाटा रहने के बाद सभी ने एक-एक करके अपना हाल कहना शुरू किया यहां तक कि आज की तीन पहर रात बातों में ही बीत गई और इसके बाद एक नई घटना ने सभी को चौंका दिया।