पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 3.djvu/२२७

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हम लोगों को दिया गया है तो यहाँ की जमीन में सूराख करना कोई बड़ी बात नहीं है दो-चार पत्थर उखाड़ने से सहज ही में काम चल जायेगा।

दूसरा-बेशक ऐसा ही है, मगर मैं समझता हूँ कि थोड़ी देर रुककर बाबाजी की राह देखना उचित होगा।

तीसरा....अजी, अपना काम करो, इस तरह रुकारुकी में रात बीत जायेगी तो मुफ्त में मारे जायेंगे।

पहला—मारे क्यों जायँगे? यहां है ही कौन, जो हम लोगों को गिरफ्तार करेगा!

तीसरा—(कुछ रुककर और बाहर की तरफ कान लगाकर)किसी के आने की आहट मालूम होती है।

चौथा-(ध्यान देकर) ठीक तो है, मगर सिवाय बाबाजी के और होगा ही कौन?

तीसरा-लीजिए, आ ही तो गए।

चौथा-हमने कहा था कि बाबाजी होंगे।

इतने ही में दो आदमियों को साथ लिए बाबाजी भी वहाँ आ पहुंचे, वही बाबाजी जो मायारानी के तिलिस्मी दरोगा थे। उनके साथ में एक तो मायारानी थी और दूसरा आदमी पटने का सूबेदार वही शेरअलीखाँ था जिसकी लड़की गौहर का हाल ऊपर के किसी बयान में लिखा जा चका है। मायारानी इस समय अपने चेहरे पर नकाब डाले हए थी, मगर उसकी पोशाक जनाने ढंग की और उसी शान-शौकत की थी जैसी कि उन दिनों पहना करती थी जब तिलिस्म की रानी कहलाने का उसे हक था और अपने ऊपर किसी तरह को आफत आने का शानो-गुमान भी न था।

हम इस जगह थोड़ा-सा हाल तेजसिंह का लिख देना भी उचित समझते हैं। कमला की जुबानी समाचार पाकर तेजसिंह तुरन्त तैयार हो गये और तारासिंह वगैरह ऐयारों को साथ लिए हुए महल के उस हिस्से में पहुँचे जिसमें ऊपर लिखी कार्रवाई हो रही थी। उन पांचों बदमाशों को कमरे के अन्दर जाते हुए तेजसिंह ने देख लिया था इसलिए वे छिपते हुए पिछली राह से कमरे की छत पर चढ़ गये। छत के बीचोंबीच में जमीन से दो हाथ ऊँचा एक रोशनदान बना हुआ था जिसके जरिये कमरे के अंदर रोशनी और कुछ धूप भी पहुँचा करती थी। उस रोशनदान में चारों तरफ बिल्लौरी शीशे इस ढंग के लगे हुए थे जिन्हें जब चाहे खोल और बन्द कर सकते थे। तारासिंह तो हिफाजत के लिए हाथ में नंगी तलवार लिए सीढ़ी पर खड़े हो गए और तेजसिंह, देवीसिंह तथा भैरोंसिंह उसी रोशनदान की राह से कमरे के अन्दर का हाल देखने और उन शैतानों की लातचीत सुनने लगे।

अब हम फिर कमरे के अन्दर का हाल लिखते हैं। बाबाजी ने आने के साथ ही उन पांचों आदमियों की तरफ देख के कहा--

बाबाजी -अभी तक तुम लोग सोच-विचार में ही पड़े हो?

एक-अनजान जगह में हम लोग कौन काम जल्दी के साथ कर सकते हैं? खैर