पृष्ठ:चंद्रकांता संतति भाग 6.djvu/२३४

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देर तक देखता रहा और तमाम खलकत की भीड़-भाड़ थी, तमाशबीन अपने बढ़े हुए शौक में एक-दूसरे पर गिरे पड़ते थे। एक जगह ढले हुए ताँबे की सीढ़ी ऊपर तक लगी हुई थी, उसको देखकर एक शख्स ऊपर जल्दी-जल्दी चढ़ने लगा, हरएक तमाशबीन ताज्जुब के साथ वहाँ की हर चीज को देख रहा था ।

"उस जीने की चौथी सीढ़ी पर जब चढ़ने वाले ने कदम रखा तो जीने की दाहिनी और बाईं तरफ से दो नंगी तलवारें, अपना काट और तड़प दिखाती हुई निकलीं । यद्यपि इस चढ़ने वाले ने बचने के लिए हर तरह की कोशिश की। मगर दोनों निकलने वाली तलवारें प्राणघातक शत्रु थीं, जिन्होंने देखते-ही-देखते इस चढ़ने वाले आदमी का काम तमाम कर दिया और फिर यह देखा गया कि इस शख्स के टुकड़े नीचे कट कर गिरे । उनके गिरते ही वह खम्भा झोंके ले-लेकर आप-से-आप हिलने लगा और उस पर से बैठा हुआ मुर्ग कुछ अजब शान से उड़ा कि देखने वाले अचम्भे में होकर देखते रह गये।

जिस वक्त उसने उड़ने के लिए अपने बाजू (डैने) फड़फड़ाये तो अद्भुत सुरीली और दिल लुभाने वाली आवाजें उससे निकलीं--लोग उन्हें सुनकर दंग रह गये और ये आवाजें हवा में गूंज कर दूर-दूर तक फैल गई।

उस मुर्ग के उड़ते ही एक किस्म की गर्म हवा चली जिसकी वजह से जिस कदर तमाशबीन आसपास में खड़े थे वे सब-के-सब उस तिलिस्मी गार (खोह) में गिर पड़े । उस गड़हे के अन्दर उस वक्त खोदने वोले बेलदार, मिट्टी को बाहर फेंकने वाले मजदूर और मेट वगैरह, जिनकी तादाद एक हजार कही जाती है, मौजूद थे। जो सब-के-सब बेचारे फौरन मर गये। अब्दुलअजीज ने यह हाल देखकर एक चीख मारी और कहा, "यह भी अजीब दुखदाई बात हुई ! इससे क्या उम्मीद रखनी चाहिए !"

इसके बाद और मजदूर उसमें लगा दिये गए । जिस कदर मिट्टी वगैरह निकली थी, वह सब-की-सब अन्दर डाल दी गई । वह मर जाने वाले तमाशबीन भी सब उसी के अन्दर तोप दिये गए और आखिर में वह तिलिस्मी जगह अच्छा-खासा एक 'कब्रिस्तान' बन गया। गये थे दफीना निकालने के लिए और इतनी जानें दफन कर आये, खर्च घाटे में रहा ।


8

तीसरे दिन पुनः दरबार हुआ और कैदी लोग लाकर हाजिर किये गए । महाराज सुरेन्द्रसिंह का लिखाया हुआ फैसला सभी के सामने तेजसिंह ने पढ़ कर सुनाया। सुनते ही कम्बख्त दारोगा जयपाल, हरनामसिंह वगैरह रोने, कलपने, चिल्लाने और महाराज से कहने लगे कि इसी जगह हम लोगों का सिर काट लिया जाय या जो चाहें महाराज सजा दें मगर हम लोगों को गोपालसिंह के हवाले न करें