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प्रथम अंक
 

देखों, यह भारत का भावी सम्राट् तुम्हारे सामने बैठा हैं।

[सब स्तब्ध होकर चन्द्रगुप्त को देखते हैं और चन्द्रगुप्त आश्चर्य से कार्नेलिया को देखने लगता है। एक दिव्य आलोक]

[पटाक्षेप]