पृष्ठ:चित्रशाला भाग 2.djvu/६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

दो शब्द .. कोई ५ वर्ष हुए हमने कौशिकजो की २५ सुंदर कहानियों का एक संग्रह गंगा-पुस्तकमाला में प्रकाशित किया था। वह हिंदी-भाषा- भाषियों को इतना पसंद आया कि हमें उसका दूसरा संस्करण निकालना पड़ा। इसी से उत्साहित होकर हमने कौशिकजी को नवीन कहानियों में से सबसे अच्छी १० कहानियाँ चुनी हैं, और उन्हें चित्रशाला (द्वितीय भाग) के नाम से निकाल रहे हैं। माशा है, गंगा-पुस्तकमाला के स्नेही इसे भी प्रथम भाग की तरह ही अपनाएंगे। गंगा-फाइनार्ट-प्रेस, लखनऊ, ८ जून, १९२६ ma दुलारेलाल भार्गव