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संवत्१६७३।

उज मोतियोंको उस लालो दोनो ओर पिरोकर प्रसन्नतापूर्वक अपने हाथ बांधा।

देशान्तरको लौगातें।

५ उर्दीवहिपत (बैशाख सुदी ८) को तीम इराकी और तुर्को घोड़े लाहोरसे मुरतिजाखांके भेजे हुए पहुंचे।

खानदौरांने जो काबुलसे भेंट भेजी थी उसमेंसे तिरसठ घोड़े पन्द्रह जंट ऊंटनी, कलगोके परीका एक दस्ता आकरी ८, चौनी खताई , मछलीके दांत जौहरदार और तीन बन्दूकें बादशाह को पसन्द आई।

एक छोटा हाथी जो हबश देशसे जहाजमें आया था मुलरंबखां ने भेंट में भेजा। हिन्दुस्थानके हाथियों से उसके कान बड़े थे सूंड और पूंछ भी लम्बी थी।

अकबर बादशाहके समयमें एतमादखाने गुजरातसे हाथोका एक बच्चा भेजा था। वह जब बड़ा हुआ तो बहुत क्रूर और बद. माश निकला।

पठानोंका उपद्रव।

पगाना और बंकाना जातिके अफरीदी पठानोंने जो दङ्गा मचाया था उसमें खानाजमका आई अबदुल सुबहान जो एक थाने पर था वीरता पूर्वक उन लोगोंसे लड़कर मारा गया। खानबालम ईरानमें गया हुआ था। इसलिये बादशाहने वहीं उसके वास्ते शोकनिवारक पत्र और सिरोपाव भेजा।

अलहदाद पठान।

२१ (नेठ बदौ १०) को अलहदाद पठान खानका खिताब मिलनेसे अलहदादखां होगया और उसका मनसब भी बढ़कर दो हजारौ जात और एक हजार सवारों तक पहुंचा।


  • आकरीका अर्थ कोशमें नहीं मिला।

• चीनको मट्टीके उत्तम पात्र ।