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पृष्ठ:जहाँगीरनामा.djvu/३२२

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जहांगीरनामा।

नहांगीरनामा।

कुतुबुलमुल्काको अर्जी।

.. इन्हीं दिनों में कुतुबुलमुल्कको अर्नी शाहजहाँके नाम पहुंची। जिसमें लिखा था कि अब मेरा राज्य बादशाही सीमाके निकटवर्ती होगया है और मैं बादशाहो बन्दा हूं इसलिये मुकरमखांको मेरे । राज्यमें हस्तक्षेप न करने का हुक्म होजावे।. ... . . . बादशाह लिखता है कि यह दृष्टान्त उसी मुकर्रमखांके बल वीर्यका है कि जिससे कुतुबुलमुल्क जैसा पड़ौसी घबड़ा गया। ... . . हलवदका चन्द्रसेन । हलवदके जमींदार चन्द्रसेनको घोड़ा सिरोपाव और हाथी मिला। मुजफ्फर। . . ठढे के अगले बादशाह मिरजा बाकौतरखांका बेटा मुजफ्फर जो. मिरजा बाकौके मरने पर उस. राज्य पर मिरजा जानीका अधिकार होजानेसे अपने नाना कच्छके राव भाराके पास रहा करता था बादशाहका प्रधाश्ना सुनकर सेवामें उपस्थित हुआ। अमीर तैमूर के समयले उसके पूर्वज अधीन रहते आये थे। इसलिये बादशाह ने उसका पालन करना उचित समझकर खर्चके वास्ते दो हजार रुपये खिलअत सहित दिये। ____ फतहबागके अनौर। . माघ सुदी १४) गुरुवारको बादशाह फतहबांगमें गुलाबको बहार देखनेको गया जो एक क्यारोमें खूब फूला हुपा था। बाद- शाह लिखता है कि “गुलाब इस मुल्कमें कम होता है आशीर.. भी पके हुए थे कई अपने हाथ से तोड़े। उनमेंसे एक बड़ा था वह तौलमें ॥ तोलेका हुा ।" - . कारंजके खरबूजे ।। इसी दिन खाने आजमके भेजे कारेजके १५०० खरबूजे बाद- शाहके पास पहुंचे। . बादशाहने १००० तो उन सेवकोंको दिये जो सेवासें उपश्थित थे और ५०० अन्तःपुरमें भेजे।. ... . बादशाह चार दिन भोग विलासमें व्यतीत करको २४, (फागुन