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पृष्ठ:टोबा टेकसिंह.djvu/१६७

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नाच मीपने शोर म एक मारवाडी पत्थर के हत्थे चढ़ गई और उमरे मौद में एक दिन जब उस मालूम हुआ कि उमन ए सतरनार राग खरीद लिया है नो मम्मी न उसका बहुत डाटा था और उमसे कोई मम्बर न रमन का दृढ सयल्प पर लिया था लकित फिर उसकी मावा म मासू देखकर उसपा दिल पमीज गया था। मन उसी दिन शाम को अपन बैटो को सारो बात सुना दी थी और उनम प्राथना की थी शिव तिमा था नाज कराए । पिटी का एम पजल (पहली) हल करन व मिलसिल मे पाच मोपय या इनाम मिला था तो मम्मी न उत्त मजबूर किया था कि कम स रम प्राधे रपय गरोगनवाज को दे द, क्याकि उस गरीव का हाथ तग है। उसन रिटी में कहा था, 'तुम इस समय इस द दा--- -बाद म लेती रहना। और मुझसे उसने मेरे पद्रह दिन के वाम मे भई बार मेरी मिसज बारे में पूछा था और विना व्यक्त की थी कि पहल बच्च भो मृत्यु का इनन वप हा गए हैं, दूमरा बच्चा क्या नहीं हुआ । रजीन- कुमार के साथ वह अधिक धुल मिलकर बात नहीं करती थी। एसा मालूम होता था कि उसकी दिपावटी तबीयत उमरी अच्छी नहीं लगती थी। मेरे सामन भी एक-दो बार इसकी चर्चा कर चुकी थी। म्यूजिक डाय रेक्टर सन म यह घणा करती थी। चडदा उसको अपने साथ लाता था तो वह उमस कहती थीं, ऐसे जलीन आदमी का यहा मत लाया करा। चड्डा उसमे पूछना तो वह बडी गम्भीरता म उत्तर दती, 'मुझे यह आदमी ऊपरा ऊपरा सा मालूम होता है-- जपता नहीं भरी नजर में। यह मुन पर चढा हस देता था। मम्मी की महफ्लिा दी स्नपूण गर्मी लिए मैं वापस बम्वाइ चला गया । इन मपिला मगराव को मस्ती थी सक्स था लेकिन कोई उल झाव नहीं था। हर नीज गभवती स्त्री के पट की तरह स्पष्ट पी। उमी सरह उभरी हुई, दखन म उसी तरह की हर और असम जम म टालने बानी नेकिन वास्तव में बड़ी सही गिप्ट और अपनी जगह पर कायम । दूमर दिन सुबर के अखबार म पनि सईदा काटेर म बगाली म्यूनिक टायरक्टर सन मारा गया है। उसकी हत्या करनवाना कोई राममिह है, जिमकी आयु चौदह पदह वर्ष के लगभग बताई जाती है। 164/बा टर मिह