पृष्ठ:ठाकुर-ठसक.djvu/९२

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रसभंगी-प्रेम छोड़ना। लटपटे बेठिकाने के बद्धीक्ष। रसरंगी-प्रेमकरता। लटा-बुरा। रस भीने रसयुक्त। लटी-बुरी। रस्यों है आसक है। लफानान्का करना। राइजादे-राजपुत्र । लली लड़की ।। राखिबे को रक्षा करने को। ललौहें लालाला। सर मंगल गीत, कजली के गीत। लहना-जो पाता है, जिक रार-झगड़ा। रारठानी लड़ाई की, झगड़ा लिया। लाइक-योग्य । रावजादे-छोटे राजा के पुन्न । लाबर-लबार, झूठा रिझवारीखनेवाले। लाबरी-शुदाई। रिमझिम-धीरे धीरे। लाने वास्ते, लिये। रिसिहौं-बिगड़ मी। लाले परे दुकभ हो गझे। रीझ प्रसन्नता। लीला कोकाकलंक का मिल। रीति जात घट आता है। लुगाई-नी। रुख (फा०) मंशा, मनोगत भाव । लुभानो मोहित हुआ। रुवा पै रुच-सुन्दरता पर प्रेम। लेखा गणाना । रेजा-कपड़े का टुकड़ा; एक थान लोचत-प्रेम करना । रोचत रुचि दिखलाता हुआ। लौई-मुलायम छड़ी। रौंदि-कुचल कर। वजन-शुरुता, बड़प्पन । रौंस भा० रविश) चाल,व्यवहार। वारें होन-निछावर होस लचंकारी लचकनेवाली। बलिहार होता है । लचिये नम्र हूजिये। शाहजादे राजकुमार । लटकत हैबंद हो जाता है। शोकित-दुःखित । लटपट होत हैं बिगड़ जाते हैं, सइयत है-सहते हैं। नई हो जाते हैं। सँकरी संकीर्ण ।