पृष्ठ:तितली.djvu/४५

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सबसे पहले खुलना चाहिए। गांव का जो स्कूल है, उसे ही अधिक उन्नत बनाया जा सकता है। तीसरे दिन जहां बाजार लगता है, वहीं एक अच्छा-सा देहाती बाजार बसाना होगा, जिसमें करघे के कपड़े, अन्न, बिसाती-खाना और आवश्यक चीजें बिक सकें। गृहशिल्प को प्रोत्साहन देने के लिए वहीं से प्रयत्न किया जा सकता है। किसानों में खेतों के छोटे-छोटे टुकड़े बदलकर उनका एक जगह चक बनाना होगा, जिसमें खेती की सुविधा हो। इसके लिए जमींदार को अनेक तरह की सुविधाएं देनी होगी। यह सबसे पीछे होगा। बैंक पहले खुलना चाहिए। कलेक्टर ने इसके लिए विशेष आग्रह किया है। तहसीलदार के सुझाने पर शैला ने शेरकोट को ही बैंक के लिए अधिक उपयुक्त लिख दिया था; किंतु मधुबन के पिता की जमींदराि नीलाम खरीद हुई थी श्यामदुलारी के नाम। वह हिस्सा अभी तक उन्हीं के नाम से खेवट में था। इसलिए श्यामदुलारी ने थोड़ी-सी गर्व की हंसी हंसते हुए हस्ताक्षर करने पर कहा तहसीलदार! अब तो मुझे इससे छुट्टी दो। इन्द्र से ही जो कुछ हो, लिखवाया-पढ़वाया करो। तहसीलदार ने चश्मे में से माधुरी की ओर देखकर कहा—सरकार, यह मैं कैसे कह सकता हूं कि आप अपना अधिकार छोड़ दें। न मालूम क्या समझकर आपके नाम से बड़े सरकार ने यह हिस्सा खरीदा था। आप इसे जो चाहें कर सकती हैं। यदि आप किसी के नाम इसकी स्पष्ट लिखा-पड़ी न करें, तो यह कानून के अनुसार बीबीरानी का हो सकता है। छोटे सरकार से तो इसका कोई संबंध... श्यामदुलारी ने कड़ी निगाह से तहसीलदार को देखा। उसमें संकेत था उसे चुप करने के लिए; किंतु कूटनीति-चतुर व्यक्ति ने थोड़ी-सी संधि पाते ही, जो कुछ कहना था कह डाला! ___माधुरी इस आकस्मिक उद्घाटन से घबराकर दूसरी ओर देखने लगी थी? वह मन में सोच रही थी, मुझे क्या करना चाहिए? ___माधुरी के जीवन में प्रेम नहीं, सरलता नहीं, स्निग्धता भी उतनी न थी। स्त्री के लिए जिस कोमल स्पर्श की अत्यंत आवश्यकता होती है, वह श्यामलाल से कभी मिला नहीं। तो भी मन को किसी तरह संतोष चाहिए। पिता के घर का अधिकार ही उसके लिए मन बहलाने का खिलौना था। वह भी जानती थी कि यह वास्तविक नहीं, तो भी जब कुछ नहीं मिलता तो मानव-हृदय कृत्रिम को ही वास्तविक बनाने की चेष्टा करता है। माधुरी भी अब तक यही कर रही थी। चौबेजी कब चूकने वाले थे! उन्होंने खांसकर कहना आरंभ किया—बड़े सरकार सब समझते थे। विलायत भेजकर जो कछ होने वाला था. वह सब अपनी दर-दष्टि से देख रहे थे। इसी से उन्होंने यह प्रबंध कर दिया था, तहसीलदार साहब ने इस समय उसको प्रकट कर दिया। यह अच्छा ही किया। आगे आपकी इच्छा। ___श्यामदुलारी ऊब रही थीं; क्योंकि सब कुछ जानते हुए भी वह नहीं चाहती थीं कि उनकी दोनों संतानों में भेद का बीजारोपण हो। इन स्वयंसेवक सम्मतिदाताओं से वह घबरा गईं। माधुरी ने इस क्षोभ को ताड़ लिया। उसने कहा—इस समय तो आपका काम हो ही