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चाण्डाल से भी बदतर

हबशियों के उत्थान के लिए स्थापित राष्ट्रीय संघ ने मिस यूनिंग और प्रतिभावान् हबशी लेखक डाक्टर डब्ल्यू॰ बी॰ ड्यू बोइस को इन अत्याचारों की जाँच-पड़ताल करने के लिए नियुक्त किया। इन दोनों ने जिन सच्ची बातों और चित्रों का संग्रह किया वे सत्र डाकर ड्य, वाइस के मासिक पत्र क्राइसिस के सितम्बर की संख्या में प्रकाशित किये गये। उनको पढ़ते समय एक रोमाञ्चकारी दृश्य स्त्रियों के सम्मुख उपस्थित हो जाता है। यहाँ जो वर्णन दिया जा रहा है वह इसी क्राइसिस के लेख से संक्षिप्त-रूप में लिया गया है।

क्राइसिस पत्रिका ने पूर्वी सेंट लुइस की इस दुर्घटना की तुलना जर्मन अत्याचारों के नाम से पुकारी जानेवाली दुर्घटनाओं से की है। और उसका कहना है कि 'सेंट लुइस के भयानक अत्याचारों के प्रारो जर्मन-अत्याचार कुछ नहीं के बराबर ठहरेंगे......जर्मनी के अत्याचारों के जितने वर्णन मिलते हैं, उनमें किसी में भी जर्मनी निवासियों पर यह अपराध नहीं लगाया गया कि वे जिन्हें सताते थे उनकी बेदना पर प्रसन्न भी होते थे। परन्तु ये अत्याचारी च्यापार और श्रानन्द दोनों एक साध चाहते हैं। सेंट लुइस के डाकपत्र के लेखक कार लोस एफ हर्ड भी इसका समर्थन करते हैं। उन्होंने अपने पत्र में अपनी आंखों देखी बात का वर्णन इस प्रकार किया है:-

"पूर्वी सेंट लुइस की दुर्घटना को जिस रूप में मैंने देखा है वह मुझे मनुष्यों का शिकार खेलने के समान प्रतीत हुआ है। यद्यपि वह उचित खेल के अतिरिक्त सब कुछ था। शिकार खेलने में भी एक सिद्धान्त होता है। इस शिकार-विनोद में कोई सिद्धान्त नहीं था। यह अत्याचार बड़ी कठोरता और भयङ्करता के साथ किया जा रहा था पर इसके चारों तरफ़ तमाशे का भाव भी था। लोगों की जिह्वा पर केवल यही एक शब्द था कि 'किसी हबशी को पकड़ो' इसमें परिवर्तन उपस्थित करनेवाला दुसरा शब्द यह था कि 'दूसरे को लाओ। प्राचीन रोम के विशाल विनोद-भवन में छुट्टी का आनन्द मनाने के लिए जो भीड़ इकट्ठी होती थी उसमें और इस भीड़ में केवल इतनी ही समता था कि इसमें चिल्लानेवाले ही शिकारी थे और बे ही बनैले पशु।"

यहाँ आपको अमरीकावासियो की युद्ध-पुकार और उत्तेजना-प्रियता का कुछ परिचय मिल सकता है। अमरीका के इन आततायियों की बुद्धि केवल