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बनारस



हनुमानघाट भी काशी का एक प्रसिद्ध घाट है। त्रिलोचनघाट भी पांच प्रसिद्ध घाटों में से है। इसके आगे राजघाट है और राजघाट के आगे वरुणासङ्गम। वरुणासङ्गम में वरुणा नदी गंगा में गिरती हैं।

मन्दिर

बनारस में सैकड़ों मन्दिर हैं। उनमें से दो चार प्रसिद्ध प्रसिद्ध मन्दिरों का ज़िक्र, बहुत थोड़े में, हम नीचे करते हैं।

विश्वनाथ या विश्वेश्वर। यह बनारस का सब से प्रसिद्ध मन्दिर है। पुराना मन्दिर औरङ्गजेब ने तोड़कर बरबाद कर दिया था। यह नया मन्दिर अहल्याबाई का बनावाया हुआ है। इसकी उँचाई ५१ फुट है। इसके ऊपरी हिस्से में ताम्रपत्र पिटा हुआ है। उसपर सोने का मुलम्मा या पत्र है। सुवर्ण खचित करने का काम महाराजा रणजीतसिंह के प्रबन्ध से हुआ था। इसी के पास एक और मन्दिर महादेव का है। यहीं पर अन्नपूर्णा का भी मन्दिर है। यह बाजीराव पेशवा का बनवाया हुआ है। यह, पिछला मन्दिर भी, बहुत सुन्दर है। विश्वनाथ के मन्दिर के हाते में नन्देश्वर की एक विशाल मूर्ति है। यहीं कुछ दूर पर ज्ञानवापी नाम का प्रसिद्ध कुंवा है। सूर्य, ढुंढिराजगणेश, गौरीशङ्कर और हनूमान् के भी मन्दिर यहीं पर हैं। कुछ दूर पर साक्षी विनायक नामक गणेश की मूर्ति है। आप काशी के यात्रियों को यात्रा के पूरे होने की गवाही या सारटीफ़िकेट देते हैं।

आदि विश्वेश्वर का मन्दिर औरंगजेब की मसजिद के पास है। लोगों का कथन है कि यह मन्दिर सबसे अधिक पुराना है और विश्वे-